अल-रेयान (कतर) याजन अल नैमत और मूसा तमारी के गोल के दम जॉर्डन ने खिताब के प्रबल दावेदार दक्षिण कोरिया को 2-0 से हराकर पहली बार एशियाई कप फुटबॉल के फाइनल में जगह बनायी।
अहमद बिन अली स्टेडियम में मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल मैच का पहला हाफ गोल रहित रहने के बाद अल नैमत और तमारी ने दूसरे हाफ में गोल किये जिससे जॉर्डन ने इतिहास रच दिया।
इसके साथ की दक्षिण कोरिया के कोच जुर्गेन क्लिंसमैन का टीम को तीसरी बार चैम्पियन बनाने का सपना भी टूट गया।
इस जीत के बाद जॉर्डन के कोच हुसैन अम्मौता ने कहा, ‘‘ मैंने अपने खिलाड़ियों से कहा था कि वह दक्षिण कोरियाई टीम का जितना सम्मान करना चाहिए उससे अधिक न करें। मुझे लगता है कि इससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था।’’
फाइनल में जॉर्डन के सामने ईरान और गत चैम्पियन कतर के बीच खेले जाने वाले सेमीफाइनल मैच के विजेता की चुनौती होगी।
खिलाड़ी के तौर पर 1990 में वेस्ट जर्मनी के लिए विश्व कप जीत चुके दक्षिण कोरिया के कोच क्लिंसमैन ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा, ‘‘ किसी टीम के लिए टूर्नामेंट कैसा होगा इसके लिए कोच हमेशा जिम्मेदार होता है। लक्ष्य फाइनल में पहुंचना था. हम फाइनल तक नहीं पहुंचें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने मौके को भुनाने में नाकाम रहे। हम जॉर्डन को बधाई देते है। वे फाइनल में पहुंचने के हकदार थे।’’
मैच 53वें मिनट में पार्क योंग-वू से गेंद कब्जाने के बाद तामारी ने अल नैमत को पास दी और इस खिलाड़ी ने दक्षिण कोरिया के गोलकीपर जो हयोन को छका कर टीम का खाता खोला। तमारी ने इसके 13 मिनट बाद टीम के लिए दूसरा गोल कर स्टेडियम में मोजूद प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दिया।
जॉर्डन अपने ग्रुप (ई) में दक्षिण कोरिया के बाद तीसरे स्थान पर रहते हुए मुश्किल से अंतिम 16 में पहुंचा था।