आधुनिक युग में विज्ञान ने जितनी उन्नति की है, उतनी ही बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं। कई बीमारियां तो विकराल रूप लिए होती हैं। यदि इन बीमारियों का पता समय होते लग जाए तो उनका इलाज समय पर करवा कर उस विकराल रूप से बचा जा सकता है। डॉक्टरी परीक्षणों से शरीर में होने वाले प्रकोपों को शांत करने में सहायता मिलती है। परीक्षण की मदद से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, इसलिए समय समय पर डॉक्टरी परीक्षण मददगार सिद्ध होते हैं। कुछ गड़बड़ होने पर अपनी जीवन शैली, रहन सहन एवं खान-पान में समय होते तब्दीली कर सकते हैं। अच्छी आदतों को ग्रहण कर जीवन को शीघ्र अच्छा कर सकते हैं।
मेडिकल जांच में सामान्यतः निम्न परीक्षण किये जाते हैं हृदय धड़कन का परीक्षण (ई.सी.जी.)। हृदय रोग से सुरक्षा के लिए ट्रायग्लियसेराइड तथा कोलेस्ट्रोल स्तर की जांच। हृदय तथा फेफड़ों का परीक्षण। रक्त दाब परीक्षण। रक्त परीक्षण। खून की कमी की जांच। मधुमेह का पता लगाने के लिए रक्त शर्करा की जांच। पेल्विक परीक्षण (महिलाओं के लिए)। पेशाब का परीक्षण। यकृत की जांच। क्षवण परीक्षण।
नेत्रा परीक्षण। (विशेष कर बढ़ते बच्चों और किशोर बच्चों की) दांतों का परीक्षण (सबके लिए बच्चों, पुरूषों और महिलाओं के लिए) चयापचय के सही संचालन तथा थकान की जांच के लिए थायराइड का परीक्षण। ब्रेस्ट कैंसर हेतु मेमोग्राफी परीक्षण (महिलाओं के लिए) बोन डेन्सिटी टेस्ट (अस्थि सघनता जांच) (महिलाओं के लिए, मीनोपाज़ के समय) पेप स्मीअर टेस्ट (गर्भाशय का कैंसर, (महिलाओं के लिए)।