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मध्यप्रदेश की नई सरकार के कामकाज को दो महीने का समय पूरा हो गया है। प्रदेश के मुखिया के तौर पर सत्ता संभालने के बाद से ही डॉ. मोहन यादव सम्मान, समन्वय और सुशासन के मामले में चर्चा में बने हुए हैं। 2 महीने के कम समय में ही मोहन यादव ने न सिर्फ प्रशासनिक कसावट करने के लिए कई बड़े निर्णय लिए हैंं बल्कि कई बार तत्काल निर्णय लेकर भी सभी को चौंकाया हैं। उन्होंने मोदी जी की गारंटी पूरे करने और संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने में भी फुरती दिखाई है। उन्होंने प्रदेश में हुई घटनाओं-दुर्घटनाओं पर भी तुरंत रिएक्ट करते हुए तत्काल कदम उठाए हैं। गुना और हरदा में हुए दु:खद हादसों की सूचना मिलते ही हर संभव कार्यवाही करने के निर्देश दिए एवं स्वयं भी सारी परिस्थिति पर नजर बनाए रखी।
जनहित में लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
डॉ. यादव भले ही पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन उनके पास जनहित में निर्णय लेने और जनता की जरूरतों को समझने की क्षमता है साथ ही लंबे राजनीतिक जीवन का अनुभव भी है। संघ से लेकर संगठन और सरकार में जनता की भलाई के लिए किस तरह काम किया जाना चाहिए यह डॉ. मोहन यादव को बखूबी आता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 60 दिनों में जनता की भलाई के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कार्यभार संभालते ही धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर और खुले में मांस बिक्री पर रोक लगा दी। इस फैसले को आम जन ने खूब सराहा। जनता के साथ कैसे समन्वय स्थापित करना है और कैसे उनकी समस्याओं का हल निकालना हैं, इसके लिए भी डॉ. यादव ने रूपरेखा तैयार कर ली है।
सुशासन और जनता के सम्मान से समझौता नहीं
डॉ. मोहन यादव उस तरह के मुख्यमंत्री हैं जो जनता के सम्मान और सुशासन से समझौता करने में विश्वास नहीं रखते। इसके कई उदाहरण उनके दो महीने के कार्यकाल में प्रदेश की जनता ने देखे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें अधिकारी आम जनता की तकलीफें सुनने के बदले उनसे अभद्रता करते नजर आए। ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री ने तत्काल ही ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही करने का काम किया। सबसे ज्यादा चर्चा में रहा शाजापुर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के दौरान ड्राइवर से कलेक्टर की अभद्रता का मामला। ऐसी ही कई और घटनाएं सामने आईं जैसे उमरिया में एसडीएम द्वारा महिला कर्मचारी से जूते के फीते बंधवाने, बांधवगढ़ एसडीएम की कार को ओवरटेक करने पर दो लोगों को पीटने, देवास में महिला तहसीलदार द्वारा किसान से अभद्र भाषा का प्रयोग करना। सभी मामलों में सीएम ने संवेदनशीलता दिखाई और अधिकारियों को साफ मैसेज दिया कि उनके लिए जनता का सम्मान और सुशासन का संकल्प सर्वोपरि है।
मोदी जी की गारंटी पूरी करने मिशन मोड में जुटे डॉ. मोहन यादव
विधानसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी ने प्रदेश की जनता से जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने के लिए मोहन यादव मिशन मोड में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सभी विभागों और मंत्रियों को संकल्प पत्र – 2023 की घोषणाओं और वचनों को पूरा करने और उसे जमीन पर उतारने के लिए मिशन मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मोदी जी की गारंटी वाली गाड़ी प्रदेश के गांव-गांव और शहर-शहर तक पहुंची है और लगभग 50 लाख लोगों को विभिन्न योजनाओं का फायदा पहुंचाया है। संकल्प पत्र की घोषणा को पूरा करते हुए मोहन यादव सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर प्रदेश के 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों के चेहरे पर सम्मान की मुस्कान बिखेरी है।
पुराने मामले निपटाने में दिखाई सक्रियता
डॉ.मोहन यादव ने सीएम बनते ही पुराने मामलों की फाइलों को निपटाने में भी सक्रियता दिखाई। उन्होंने सबसे पहले इंदौर की प्रसिद्ध हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनकी बकाया राशि देने संबंधी फाइल को आगे बढ़ाया और राशि मिलने की प्रक्रिया को पूरा किया। किसानों की समृद्धि के लिए खेती में सिंचाई का पानी पहुँचे, इसके लिए लंबे समय से लंबित पार्वती कालीसिंध चम्बल लिंक परियोजना के करार पर राजस्थान के साथ एमओयू किया। इसके साथ ही राजधानी भोपाल में यातायात की सुगमता के लिए बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने संबंधी निर्णय लेकर क्रियान्वयन भी प्रारंभ कराया।
विकास के साथ संस्कृति का तालमेल
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव न सिर्फ राजनीति की दृष्टि से बल्कि प्रदेश
की सांस्कृतिक विरासतों को सहेजने के लिए भी कई अहम फैसले लिए हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मध्यप्रदेश में खास आयोजन हुए हैं। पूरे प्रदेश में अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर दीपावली मनाई गई ।उज्जैन से 5 लाख लड्डू प्रसाद के रूप में अयोध्या भी भेजे गए। इसके साथ ही चित्रकूट को अयोध्या के तर्ज पर विकसित करने का ऐलान भी मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने किया।
मध्यप्रदेश में डबल इंजन सरकार पर जनता ने चुनाव में जिस विश्वास के साथ वोट दिया था डॉ.मोहन यादव उसे पूरा करने में जुटे हैं। भले ही एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी हो लेकिन मोहन यादव प्रधानमंत्री की च्वाइस हैं। ऐसे में मोहन यादव भी पार्टी से लेकर केन्द्र के बड़े नेताओं और प्रदेश की जनता तक सभी के भरोसे पर खरे उतरने की पुरजोर कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं।