चंडीगढ़, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुधवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगे।
किसानों के राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने की योजना के बीच डल्लेवाल ने कहा, ‘‘हमारा इरादा शांति भंग करने का नहीं है।’’
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी नीत केन्द्र सरकार पर किसानों की मांगों के संबंध में ‘‘देरी की नीति’’ अपनाने का आरोप लगाया और सरकार से किसानों के पक्ष में फैसला लेने की अपील की।
उन्होंने किसानों को दिल्ली की ओर जाने से रोकने के लिए पंजाब और हरियाणा के बीच कई स्थानों पर जगह-जगह अवरोधक लगाने के लिए भी केन्द्र सरकार की आलोचना की।
डल्लेवाल ने शंभू सीमा पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अनुरोध करते हैं कि हम शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाहते हैं। सरकार को अपने आप ही अवरोधक हटाने चाहिए और हमें दिल्ली की ओर बढ़ने और दिल्ली में हमारे बैठने के इंतजाम करने चाहिए।’’
उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने के संबंध में कोई फैसला नहीं लेने के लिए सरकार की आलोचना की।
किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि वे दिन में दिल्ली की ओर बढ़ना प्रारंभ करेंगे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर से जब यह पूछा गया कि किसान दिल्ली जाने के लिए उत्खनन मशीनों या जेसीबी मशीनों का उपयोग करेंगे, तो उन्होंने कहा ‘‘हम मशीनों का उपयोग नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा, “अगर उत्खनन मशीनें लाई जाती हैं तो हम उन्हें रोक देंगे।”
जब पंधेर को बताया गया कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा है कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियां राजमार्गों पर नहीं चल सकतीं, तो उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को मेलों और रैलियों में भी ले जाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए किया जा सकता है।
पंधेर ने कहा कि उन्होंने केंद्र से हाथ जोड़कर किसानों की मांगों का समाधान करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की चार दौर की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा ‘प्रत्येक मांग पर चर्चा हुई और अब निर्णय लेने का समय है।’
पंधेर ने कहा “अगर केंद्र आगे आता है और कहता है कि वह एमएसपी पर कानून बनाने के लिए तैयार है, तो चीजें आगे बढ़ सकती हैं।”
उन्होंने कहा “हमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए।”
डल्लेवाल ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांतिपूर्ण रहने और हिंसा नहीं करने को कहा।