रांची, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति के बावजूद भारत शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले चौथे टेस्ट क्रिकेट मैच में भी इंग्लैंड की बैजबॉल (आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करना) शैली को धत्ता बताकर पांच मैच की श्रृंखला में अजेय बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगा।
भारत अभी श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है और उसकी निगाह घरेलू मैदान पर लगातार 17वीं श्रृंखला जीतने पर लगी हैं। 2012 में एलिस्टर कुक की अगुवाई वाली इंग्लैंड की टीम से हारने के बाद भारतीय टीम अपनी धरती पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करती रही है। उसके बाद उसने जो 47 टेस्ट मैच के लिए उनमें से 38 में जीत दर्ज की है। इस बीच उसे ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से ही हार का सामना करना पड़ा।
विराट कोहली, केएल राहुल और खराब फार्म में चल रहे श्रेयस अय्यर की अनुपस्थिति में रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम की तरफ से युवा बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। फिर चाहे वह यशस्वी जायसवाल हो या सरफराज खान।
जायसवाल ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने पहले तीन मैच में 545 रन बनाए हैं जिसमें दो दोहरे शतक भी शामिल हैं। सरफराज ने नागपुर में अपने पहले टेस्ट मैच में ही दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए। शुभमन गिल ने भी तीसरे नंबर पर अपने पांव जमा लिए हैं।
श्रृंखला में अभी तक सर्वाधिक 17 विकेट लेने वाले बुमराह को विश्राम दिया गया है। धर्मशाला में पांचवें टेस्ट मैच में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है और तब बुमराह भारतीय तेज गेंदबाजी की कमान संभालेंगे लेकिन अभी टीम में मोहम्मद सिराज सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज है।
सिराज के साथ बंगाल के मुकेश कुमार और आकाशदीप में से किसी एक को चुना जा सकता है। मुकेश कुमार अधिक अनुभवी हैं और उन्होंने हाल में रणजी ट्रॉफी मैच में 10 विकेट के लिए थे। वह दूसरे टेस्ट मैच में खेले थे जिसमें उन्होंने दोनों पारियों में कुल मिलाकर 12 ओवर करके एक विकेट लिया था।
यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम प्रबंधन मुकेश पर विश्वास बनाए रखना है या आकाशदीप को पदार्पण का मौका देता है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो यहां की पिच की प्रकृति को देखते हुए टीम में दो तेज गेंदबाज और तीन स्पिनर रखना सही होता है।
पिच में दरार है और ऐसे में इंग्लैंड को लगता है कि चार स्पिनर और एक तेज गेंदबाज के साथ उतरना उचित रहेगा।
अगर इंग्लैंड चार स्पिनरों के साथ उतरता है तो वह टॉम हार्टली, रेहान अहमद और जो रूट के साथ शोएब बशीर को अंतिम एकादश में शामिल करेगा। रूट बल्लेबाजी में अच्छी फॉर्म में नहीं चल रहे हैं। उन्होंने अभी तक केवल 77 रन बनाए हैं जबकि इससे अधिक ओवर (107) किए हैं।
पूरी संभावना है कि भारत दो तेज गेंदबाज और तीन स्पिनरों के साथ उतरेगा। ऐसे में अक्षर पटेल की वापसी की संभावना नहीं है। यह तय है कि भारतीय टीम रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव के साथ ही मैदान पर उतरेगी।
इस मैदान पर आखिरी टेस्ट मैच 2019 में खेला गया था और तब मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 10 विकेट लिए थे जबकि भारतीय स्पिनरों को 8 विकेट मिले थे।
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि इंग्लैंड बैजबॉल शैली में बल्लेबाजी करने की अपनी रणनीति पर कायम रहता है या नहीं। हैदराबाद में पहले टेस्ट मैच में उसकी यह शैली सही साबित हुई थी लेकिन अगले दो मैच में उसके बल्लेबाजों का आक्रामक अंदाज टीम को भारी पड़ा था।
टीम इस प्रकार हैं:
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), देवदत्त पडिक्कल, आर अश्विन, रविंद्र जड़ेजा, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, मो. सिराज, मुकेश कुमार, आकाशदीप।
इंग्लैंड: बेन स्टोक्स (कप्तान), रेहान अहमद, जेम्स एंडरसन, गस एटकिंसन, जॉनी बेयरस्टो, शोएब बशीर, हैरी ब्रुक, जैक क्रॉली, बेन डकेट, बेन फॉक्स, टॉम हार्टली, जैक लीच, ओली पोप, ओली रॉबिन्सन, जो रूट, मार्क वुड.
मैच भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे शुरू होगा।