जीएसटी संग्रह बढ़ने से सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान

नयी दिल्ली,  सरकार का सकल कर राजस्व अगले वित्त वर्ष में 11.46 प्रतिशत बढ़कर 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि से प्रोत्साहन मिलेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को अंतरिम बजट 2024-25 लोकसभा में पेश करते समय संशोधित बजट अनुमानों की जानकारी दी।

वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी संग्रह बढ़कर 10.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 1.1 लाख करोड़ रुपये यानी 11.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

अगले वित्त वर्ष के कुल कर संग्रह में से 21.99 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर एवं कॉरपोरेट कर) और 16.22 लाख करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष कर (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क एवं जीएसटी) से आने का अनुमान है।

वहीं चालू वित्त वर्ष में सरकार का अनुमान है कि सकल कर राजस्व बजट अनुमान से लगभग 76,000 करोड़ रुपये अधिक होगा।

चालू वित्त वर्ष के बजट में कर राजस्व 33.61 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया था। लेकिन अंतरिम बजट 2024-25 में इसे संशोधित कर 34.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

कॉरपोरेट कर संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान के अनुरूप ही रहा है लेकिन चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर संग्रह बजट अनुमान से 1.20 लाख करोड़ रुपये अधिक रहने की उम्मीद है।

इसके अलावा सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क संग्रह का संशोधित अनुमान भी बढ़ाकर क्रमशः 2.19 लाख करोड़ रुपये एवं 3.08 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी प्राप्तियां 9.57 लाख करोड़ रुपये के बजटीय स्तर पर रहने का अनुमान है।