नयी दिल्ली, कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने बृहस्पतिवार को सरकार से मणिपुर में हिंसा के हालात पर ‘श्वेतपत्र’ प्रस्तुत करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कुछ राज्यों में गिरजाघरों में तोड़फोड़ की जा रही है और पादरियों को धमकाया जा रहा है।
सुरेश ने लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में गिरजाघरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं और दक्षिणपंथी संगठन ईसाई मिशनरियों और पादरियों को धमका रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय भाजपा हिंसा में शामिल लोगों का समर्थन कर रही है।
सुरेश ने कहा, ‘‘फादर अनिल मैथ्यू की गिरफ्तारी ईसाई मिशनरियों और पादरियों के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार की नफरत दिखाती है, जिन्हें गलत तरह से फंसाकर जेल में डाला गया। मेरी सरकार से अपील है कि इस मामले में रिपोर्ट मांगे और मानवाधिक आयोग स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करे।’’
उन्होंने यह मांग भी उठाई कि केंद्र सरकार को मणिपुर के हालात पर और जातीय हिंसा पर सदन में एक ‘श्वेतपत्र’ प्रस्तुत करना चाहिए।
शून्यकाल में तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने गुजरात के केवड़िया में स्थापित सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ की तरह ही कोलकाता में बेलूर मठ के सहयोग से स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने की मांग केंद्र सरकार से की।
कांग्रेस के अमर सिंह ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत कार्य दिवस बढ़ाये जाने चाहिए और पारिश्रमिक में भी वृद्धि होनी चाहिए।
इस पर सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि संप्रग के समय मनरेगा पर 25-30 हजार करोड़ रुपये भी खर्च नहीं होते थे, लेकिन मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं और इस बार मनरेगा के लिए 85 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एमएसपी को बढ़ाने, खरीद दोगुनी करने और पीएम किसान योजना शुरू करने जैसे अनेक किसान हितैषी उपाय किये हैं।
तेलुगू देशम पार्टी के राम मोहन नायडू ने आंध्र प्रदेश के पांच समुदायों को केंद्रीय ओबीसी की सूची में शामिल करने की मांग की।
शिवसेना सदस्य कलाबेन देलकर ने केंद्र की आयुष्मान योजना की तारीफ करते हुए कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र दादरा नगर हवेली में यह योजना पिछले कुछ समय से बंद है जिसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
शून्यकाल में भाजपा के रामकृपाल यादव, रंजीता कोली, सुनीता दुग्गल और रेखा वर्मा, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल और अपरूपा पोद्दार, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, जदयू के जनार्दन सिग्रीवाल, बसपा के रितेश पांडेय और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने भी संबंधित विषय उठाए।