कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने हनुमान के ‘जन्मस्थल’ पर पर्यटन विकास को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए

बेंगलुरु, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया और कहा कि अंजनाद्रि पहाड़ी में पर्यटन के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

कई लोग अंजनाद्रि पहाड़ी को भगवान हनुमान का जन्मस्थान मानते हैं।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘कोप्पल जिले में स्थित अंजनाद्रि पहाड़ी और आसपास के क्षेत्र पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। इन क्षेत्रों में पर्यटन विकास के लिए 100 करोड़ रुपये दिये जायेंगे।’’

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह स्थान किष्किंधा के नाम से जाना जाता था और भगवान हनुमान के भक्त यहां आते हैं। यह पहाड़ी सूर्यास्त, आसपास के परिदृश्य और पहाड़ों और चट्टानों के बीच बहती तुंगभद्रा नदी के मनोरम दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है।

ऐसा प्रतीत होता है कि इस योजना के जरिये फरवरी 2023 के बजट में पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा उल्लेखित उस परियोजना को आगे बढ़ाया जा रहा है जिसके तहत पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए अंजनाद्रि पहाड़ी और उसके आसपास के क्षेत्रों को 100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाना था। बोम्मई ने उस समय कहा था कि निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।

इस बात पर गौर करते हुए कि कर्नाटक से आंध्र प्रदेश के तिरुमला और श्रीशैलम और महाराष्ट्र के गुड्डापुर जैसे तीर्थ स्थलों की यात्रा करने वाले भक्तों के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित आवासीय परिसरों का निर्माण किया जा रहा है, सिद्धरमैया ने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी पांच करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि बेंगलुरु ग्रामीण जिले में श्री घाटी सुब्रमण्यस्वामी मंदिर और कोप्पल जिले के हुलिगम्मा मंदिर के विकास के लिए अलग-अलग प्राधिकरण स्थापित किए जाएंगे।

कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि 34,165 ‘सी’ श्रेणी के ऐतिहासिक मंदिरों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों का एक समूह बनाया जायेगा।

कर्नाटक के वित्त मंत्री के रूप में यह सिद्धरमैया का रिकॉर्ड 15वां बजट था और वर्तमान कांग्रेस शासन के तहत दूसरा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार संविधान में निहित न्याय, समानता और भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित विकास के कर्नाटक मॉडल का एक नया उदाहरण स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

उन्होंने दावा किया कि केन्द्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, रोजगार प्रदान करने के लिए जन-केंद्रित योजनाएं और कानून बनाए गए थे।

सिद्धरमैया ने कहा कि सरकार अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के वैज्ञानिक और संवैधानिक वर्गीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने इस संबंध में केंद्र को एक सिफारिश की है।

वहीं, मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि फर्जी खबरें फैलाकर समाज में असुरक्षा और भय पैदा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से एक इकाई का गठन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार दंगों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘सैकड़ों वर्षों से, विभिन्न धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और समुदायों के लोग इस धरती पर सद्भाव से रह रहे हैं। इसलिए, हमारी सरकार जाति, धर्म और भाषा के नाम पर दंगे करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करेगी।’’

उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों और अन्य साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, निर्दोष लोगों को धोखा देने वालों के खिलाफ जांच करने और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए राज्य में साइबर अपराध शाखा को मजबूत करने के उद्देश्य से 43 सीईएन (साइबर, आर्थिक और नारकोटिक्स) पुलिस थानों को और आधुनिक बनाया जायेगा।