वाशिंगटन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी में मुलाकात की और दोनों नेताओं ने लाल सागर में नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की जरूरत पर चर्चा की।
ब्लिंकन और जयशंकर ने साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया कि उस अस्थिर क्षेत्र में भारत और अमेरिका आर्थिक स्थायित्व की रक्षा में किस प्रकार से अहम भूमिका निभा रहे हैं।
दोनों नेताओं ने शुक्रवार को जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘ब्लिंकन और जयशंकर ने लाल सागर में नौवहन की स्वतंत्रता की सुनिश्चित करने की जरूरत पर चर्चा की।’’
उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान ब्लिंकन ने रेखांकित किया कि लाल सागर में समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में अमेरिका और भारत का रुख समान है और वे क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मिलर ने कहा कि दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में जारी कार्यों पर भी चर्चा की।
दरअसल यमन के हुती विद्रोही हमास और इजराइल के बीच जारी जंग में युद्धविराम की मांग के लिए लाल सागर में पिछले वर्ष नवंबर माह से जहाजों को निशाना बनाते हुए हमले कर रहे हैं।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आज दोपहर एमएससी (म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन) 2024 के मौके पर अपने मित्र अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिलकर बहुत अच्छा लगा। हमारी बातचीत पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिंद-प्रशांत की स्थिति पर केंद्रित रही। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर प्रगति की समीक्षा की गई।’’
जयशंकर ने साथ ही बैठक की एक तस्वीर भी साझा की जिसमें दोनों नेता एक मेज पर आमने सामने बैठे नजर आ रहे हैं।
बैठक के बाद, ब्लिंकन ने जयशंकर के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “अमेरिका और भारत के बीच हमारी असाधारण साझेदारी है जो हाल के वर्षों में और मजबूत हुई है, पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है तथा यह हमारे लिए दुनिया में सबसे अधिक परिणाम देने वाले रिश्तों में से एक है।”
ब्लिंकन ने कहा कि दोनों देश कई महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर ‘मिलकर काम कर रहे हैं’ जो ‘भारत और अमेरिका के लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं।’ उन्होंने इसे पारस्परिक समृद्धि और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के रूप में सूचीबद्ध किया।
वहीं जयशंकर ने कहा कि आज यह महत्वपूर्ण है कि बहुत जटिल मुद्दों का समाधान प्रभावी ढंग से किया जाए।