नयी दिल्ली, भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) ने तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात में 1.2 करोड़ टन की कमी सुनिश्चित करने के लिए संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों को बायोमास आपूर्ति के लिए जरूरी मशीनरी और उपकरणों के लिए 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की सिफारिश की है।
आईबीए के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा, “धान के भूसे जैसे कृषि अवशेषों को जलाने के बजाय इनका जैव ऊर्जा उत्पादन और मिट्टी संवर्धन के लिए उपयोग करने से दोहरा लाभ मिलता है क्योंकि यह मृदा के स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदान करता है।”
हालांकि, उन्होंने बताया कि खरीद में बाधाएं हैं, जैसे कि खराब आर्थिक स्थिति के कारण किसान खेतों में पुआल को तुरंत बेचने के बजाय जला देना पसंद करते हैं।
केडिया ने कहा कि भूसे का घनत्व कम होने के कारण इसके संग्रहण, भंडारण और परिवहन से जुड़ा खर्च बढ़ जाता है। “लॉजिस्टिक्स में सुधार कोई व्यवहार्य समाधान नहीं है। जरूरी उपकरण अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप जरूरी है। इसके तहत कुशलतापूर्वक भूसे को इकट्ठा करने में सक्षम कंबाइन हार्वेस्टर को सब्सिडी दी जा सकती है।”
उन्होंने कहा कि बेलर और भंडारण इकाइयों के लिए अतिरिक्त समर्थन दक्ष परिवहन और भंडारण को संभव बनाएगा।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने, कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने, फसल अवशेष/धान के भूसे के लिए आपूर्ति श्रृंखला बनाने और फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए परिचालन दिशानिर्देश भी जारी करने चाहिए।