गुवाहाटी, असम मंत्रिमंडल ने राज्य के चार जिलों में मणिपुरी को सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने की मंजूरी दे दी है।
राज्य मंत्रिमंडल ने असम राजभाषा (संशोधन) विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी है जिसके तहत कछार, करीमगंज, हाईलाकांदि और होजाई जिलों में मणिपुरी को सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने का प्रावधान है।
इस विधेयक में एक नई धारा 5बी जोड़कर असम राजभाषा अधिनियम, 1960 में संशोधन का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में देर रात हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया यह निर्णय असम में रह रहे मणिपुरी लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई पहचान एवं विरासत की रक्षा करेगा, उसे संरक्षण देगा और उसे प्रोत्साहित करेगा।
मंत्रिपरिषद ने जनजातीय समुदायों के हितों की रक्षा के लिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के प्रावधानों के अनुरूप, बुनियादी शिक्षा में मिसिंग, राभा, कार्बी, तिवा, देवरी और दिमासा भाषाओं को स्कूली शिक्षा के मूलभूत चरण में शिक्षा के माध्यम के रूप में पेश करने का भी निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री द्वारा ‘एक्स’ पर साझा की गई कैबिनेट निर्णयों की सूची के अनुसार, इस फैसले से जनजातीय समुदायों के छात्र स्कूली स्तर पर अपनी भाषाओं का अध्ययन कर सकेंगे।
स्थानीय समुदायों के भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए अहोम, कोच राजबोंगशी और गोरखा समुदायों के उन लोगों को बालीपारा आदिवासी इलाके में व्यक्तियों के संरक्षित वर्गों की सूची में शामिल किया जाएगा जिनका 2011 से पहले भूमि पर कब्जा है।
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (शहरी) के लिए दिशानिर्देशों को भी मंजूरी दी, जिसे महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को शहरी महिला उद्यमियों के रूप में बढ़ावा देने के लिए असम राज्य शहरी आजीविका मिशन सोसाइटी द्वारा तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने ग्रामीण महिला उद्यमियों की सहायता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 के लिए कुल आवंटित बजट में से ‘मेगा मिशन सोसाइटी-मुख्यमंत्री समग्र ग्राम उन्नयन योजना’ के लिए 1,000 करोड़ रुपये की मंजूरी को भी स्वीकृत किया।