कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों के बीच उनके बेटे नकुलनाथ ने सोशल मीडिया परिचय से कांग्रेस हटाया

भोपाल/ इंदौर  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके बेटे एवं सांसद नकुलनाथ ने सोशल मीडिया पर अपने परिचय से कांग्रेस हटा दिया है।

नकुलनाथ के इस कदम ने पिछले कुछ दिनों से जारी उन कयासों को और हवा दी है कि वह अपने पिता के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर नकुलनाथ के परिचय में अब सिर्फ इतना लिखा है कि वह छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) के सांसद हैं।

नकुलनाथ, कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से सांसद हैं। कमलनाथ पहले नौ बार इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

इस बीच, इंदौर में कमलनाथ के खास समर्थक और मध्यप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया खातों से कांग्रेस का उल्लेख हटा दिया।

इस बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘मैंने अपने नेता कमलनाथ का अनुसरण करते हुए सोशल मीडिया पर अपने परिचय में बदलाव किया है, लेकिन कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भाजपा में जाने को लेकर फिलहाल कोई भी निर्णय नहीं हुआ है।’’

वर्मा ने अपने नये सोशल मीडिया परिचय में खुद को ‘‘पूर्व काबीना मंत्री, पूर्व सांसद, मध्यप्रदेश’’ बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया खातों पर अपनी नयी प्रोफाइल तस्वीर भी अपलोड की है जिस पर “जन गण मन” लिखा है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि इन दिनों कांग्रेस में कमलनाथ के साथ अपमानजनक बर्ताव हो रहा है,‘‘लेकिन कोई भी नेता मान, सम्मान और स्वाभिमान पर आंच आने के बाद ही अलग दिशा में अपने कदम ले जाता है।’’

वर्मा ने कहा कि उनके कदम भी उसी राह पर जाएंगे, जिस पर कमलनाथ चलेंगे।

भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच, कमलनाथ शनिवार दोपहर दिल्ली पहुंचे और कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी, तो वह पहले मीडिया को बताएंगे।

पत्रकारों के साथ अपनी संक्षिप्त बातचीत में कमलनाथ ने मीडियाकर्मियों को उत्साहित नहीं होने को कहा।

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों कांग्रेस की करारी हार के बाद छिंदवाड़ा सीट से मौजूदा विधायक कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।

ऐसा कहा जा रहा है कि वह राज्यसभा नहीं भेजे जाने से नाखुश हैं और पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी उनके विरोध में हैं।

हालांकि पिछले कुछ दिनों से कमलनाथ के पाला बदलने की अटकलें हैं, लेकिन शुक्रवार को इन्हें फिर से तब हवा मिली जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ और उनके बेटे अगर अयोध्या में आयोजित राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के बहिष्कार के कांग्रेस के फैसले से नाखुश हैं तो उनका भाजपा में स्वागत है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे (कमलनाथ व नकुलनाथ) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश और समाज की सेवा करने के लिए भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।

साल 2019 के आम चुनावों में भाजपा ने छिंदवाड़ा को छोड़कर राज्य की 29 लोकसभा सीट में से 28 पर जीत हासिल की थी।