नयी दिल्ली, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय रियल एस्टेट बाजार में अमेरिकी संस्थानों का निवेश पिछले साल (2023 में) 39 प्रतिशत घटकर 1.35 अरब डॉलर रह गया। जेएलएल इंडिया ने यह जानकारी दी।
अमेरिका स्थित संस्थागत निवेशकों ने 2022 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया था।
अमेरिकी कोष आमतौर पर भारतीय रियल एस्टेट बाजार में सबसे बड़े निवेशक रहे हैं।
जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश 2022 के 515.1 करोड़ डॉलर से 2023 में 14 प्रतिशत बढ़कर 587.8 करोड़ डॉलर (5.87 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गया।
जेएलएल इंडिया के अनुसार, यह वैश्विक आर्थिक विपरीत परिस्थितियों में भारत की मजबूती को दर्शाता है और निवेशकों का यह भरोसा 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
वर्ष 2023 में कुल निवेश में 63 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी संस्थागत निवेशकों का रहा। हालांकि, निवेश में पारंपरिक रूप से सबसे अधिक योगदान देने वाले अमेरिका की हिस्सेदारी घटकर 23 प्रतिशत रह गई, जो 2022 में 43 प्रतिशत थी।
जेएलएल इंडिया की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, ‘‘ मुद्रास्फीति और अनिश्चितता 2023 में भारत में संस्थागत निवेश के लिए बाधा बनती नहीं दिखी….’’
पिल्लई ने कहा कि अमेरिका में कई बार दरों में बढ़ोतरी ने अमेरिका तथा कनाडा से निवेश गतिविधियों पर अंकुश लगाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि 2023 में एपीएसी (एशिया-प्रशांत) क्षेत्र से महत्वपूर्ण योगदान देखा गया।’’
पिल्लई को यह प्रवृत्ति 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है।