भोपाल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने मांग की कि काशी और मथुरा में अयोध्या की तरह ही ‘मूल स्थानों’ पर मंदिरों का निर्माण किया जाना चाहिए और हिंदुओं को वहां पूजा का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने ज्ञानवापी के मामले में वाराणसी की अदालत के फैसले का भी स्वागत किया।
वाराणसी जिला अदालत ने एक पुजारी के परिवार को ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा करने की अनुमति दे दी है।
उमा भारती ने अदालत के आदेश को ‘‘सुखद’’ बताते हुए कहा कि उन्होंने 1993 में ज्ञानवापी की दीवारों पर अंकित देव प्रतिमाओं की पूजा की थी।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘माननीय वाराणसी जिला अदालत के फैसले के बाद मैं फिर से अनुरोध करूंगी कि अयोध्या की ही तरह मथुरा और काशी में भी मूल स्थानों पर मंदिर बनें तथा पूजा का अधिकार मिले। इसलिए इन्हें हिंदुओं को सौंप दीजिए, यही संपूर्ण समाधान है।’’
भारती ने कहा, ‘‘1991 में भी मैंने संसद में यह प्रस्ताव रखा था कि अयोध्या, मथुरा और काशी तीनों को हिंदुओं को सौंप दीजिए।’’
वाराणसी जिला अदालत ने पिछले साल 21 जुलाई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक ‘विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का निर्देश दिया था, जिसमें आवश्यक होने पर खुदाई भी शामिल थी, ताकि यह पता किया जा सके कि क्या काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद का निर्माण मंदिर के अवशेषों पर किया गया था।