अयोध्या (उप्र), अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के लिए ‘मुख्य यजमान’ बने 15 जोड़ों ने उस घड़ी को ‘‘दिव्य अनुभव और गर्व का क्षण’’ बताते हुए कहा कि यह दिन उनके लिए हमेशा यादगार रहेगा।
प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह के लिए यजमान का कर्तव्य निभाने के लिए देश भर से दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और सवर्ण वर्गों के 14 जोड़ों को चुना गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ने 16 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शुरू हुए दैनिक अनुष्ठान की अध्यक्षता की।
मिश्रा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 15 न्यासियो में से हैं। इसका गठन 2020 में मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए किया गया था।
“डोम राजा” के परिवार के अनिल चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘वह दिन हमारी यादों में हमेशा के लिए अंकित रहेगा। समारोह के दौरान हमारी आंखों से आंसू बह निकले, यह एक दिव्य अनुभव था।’’ चौधरी ने अपनी पत्नी सपना देवी के साथ अनुष्ठान किया।
डोम राजा मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर चिताओं को जलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अग्नि के संरक्षक हैं और उन्हें हरिजनों के बीच सबसे निचली उपजाति का राजा माना जाता है।
‘यजमान’ सूची में शामिल अन्य लोगों में राजस्थान के उदयपुर से रामचन्द्र खराड़ी, असम से राम कुई जेमी, राजस्थान के जयपुर से गुरुचरण सिंह गिल, तमिलनाडु से अदलारसन, कर्नाटक से लिंगराज बसवराज और महाराष्ट्र से विट्ठल राव कांबले शामिल थे।
महाराष्ट्र के लातूर में घुमंतू समाज ट्रस्ट से महादेव राव गायकवाड़, लखनऊ से दिलीप वाल्मिकी, काशी से कवींद्र प्रताप सिंह और कैलाश यादव, हरदोई से कृष्ण मोहन और उत्तर प्रदेश में मुल्तानी लोहार समुदाय से रमेश जैन और हरियाणा के पलवल से अरुण चौधरी भी यजमानों में शामिल थे।
कांबले ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का क्षण था। ऐसा अद्भुत अनुभव था जिसकी पहले कल्पना भी नहीं की थी। किसी के लिए भी ऐतिहासिक दिन पर यहां होना और अनुष्ठान करना एक बड़ी बात है… इससे बढ़कर और क्या है। मैं भगवान राम से और क्या मांग सकता था।’’ सोमवार को अयोध्या मंदिर में रामलला की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने कहा कि यह एक नए युग के आगमन का प्रतीक है।
लाखों लोगों ने अपने घरों और पड़ोस के मंदिरों में टेलीविजन पर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह देखा और इस ‘ऐतिहासिक’ कार्यक्रम का हिस्सा बने।
गोवर्धन पूजा समिति वाराणसी के संयोजक और जिला सहकारी बैंक के निदेशक कैलाश यादव ने कहा, ‘‘जिस तरह का माहौल आज अयोध्या में देखने को मिल रहा है, उसे टीवी पर देखते समय समझा नहीं जा सकता। जब हमें यह पता चला कि हमें यजमान के रूप में चुना गया था तो हमें विश्वास नहीं हो रहा था। यह भगवान राम की इच्छा होगी कि हमें अनुष्ठान करने के लिए चुना गया।’’ नवनिर्मित राम मंदिर को मंगलवार को आम लोगों के लिए खोला गया। मंदिर में भगवान राम से आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की खासी भीड़ उमड़ी।