उत्तराखंड में खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार फीसदी आरक्षण मिलेगा, पेश होगा विधेयक

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देहरादून,  उत्तराखंड सरकार अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले या उसमें भाग लेेने वाले राज्य के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए विधानसभा में विधेयक लाएगी ।

यह निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया ।

बैठक के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु ने संवाददाताओं को बताया कि प्रतिभावान खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए उत्तराखंड लोक सेवा (अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेता अथवा प्रतिभाग करने वाले कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2024 को विधानसभा में रखे जाने हेतु मंत्रिमंडल ने अनुमति दे दी ।

एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने बाल्य देखभाल अवकाश की समूची अवधि के दौरान महिला कर्मचारियों या एकल अभिभावक को अवकाश पर जाने से पहले मिल रहा पूरा वेतन देने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी ।

सन्धु ने बताया कि विशिष्ट परिस्थितियों जैसे संतान की बीमारी या उसकी परीक्षा में मदद के लिए 18 वर्ष की आयु तक उसकी देखभाल हेतु महिला कार्मिकों या एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) संपूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष यानि कुल 730 दिनों का बाल्य देखभाल अवकाश देने का पहले से ही प्रावधान था ।

उन्होंने बताया कि कार्मिक को पहले 365 दिनों में अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत मिलता था लेकिन, मंत्रिमंडल ने इसमें संशोधन करते हुए संपूर्ण अवधि के दौरान अवकाश पर जाने से पहले प्राप्त हो रहे वेतन के बराबर अवकाश वेतन दिये जाने को अपनी मंजूरी दे दी ।