लखनऊ, शीतलपेय कंपनी कोका-कोला की भारत में बॉटलिंग इकाई एसएलएमजी बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए टिकाऊ समाधानों को बढ़ावा देने के लिए इस साल 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि कुल निवेश में से 75 करोड़ रुपये निरंतरता पर जबकि 25 करोड़ रुपये गुणवत्ता पर खर्च किए जाएंगे।
एसएलएमजी बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस एन लधानी ने कहा, “यह निवेश पर्यावरणीय निरंतरता के मामले में एसएलएमजी के सक्रियतापूर्ण रवैये का एक उदाहरण है। इससे पता लगता है कि निरंतरता महज एक मुहावरा नहीं है, बल्कि बेहतर भविष्य निर्माण के लिए यह एसएलएमजी की मूलभूत जिम्मेदारी है।”
लधानी ने एक बयान में कहा, “हमारे जल, पैकेजिंग और जलवायु लक्ष्य आपस में जुड़े हुए हैं। पैकेजिंग के लिए संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था बनाकर हम अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करेंगे।”
उन्होंने कहा कि यह प्रतिबद्धता कंपनी के परिचालन के हर पहलू में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के प्रति समर्पण पर जोर देती है।
बयान के मुताबिक, कोका कोला की ‘अपशिष्ट-रहित दुनिया’ बनाने की अंतरराष्ट्रीय पहल के अनुरूप एसएलएमजी वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना चाहती है। यह साहसिक लक्ष्य ही बता देता है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरणीय फुटप्रिंट कम करने में केंद्रीय भूमिका निभाने के प्रति कंपनी दृढ़ संकल्पित है।
एसएलएमजी आगरा में अतिरिक्त 20 रिवर्स वेंडिंग मशीनें (आरवीएम) लगाने की योजना बना रही है। फिलहाल यहां पर 12 आरवीएम लगी हुई हैं।
कंपनी ने कहा कि वह अपनी 70 प्रतिशत बिजली खपत को सौर ऊर्जा से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अयोध्या (15 मेगावाट), उन्नाव (पांच मेगावाट) और छाता (2.5 मेगावाट) में क्षमता विस्तार की योजना के साथ कंपनी अपने पारिस्थितिकी प्रभाव को कम कर रही है और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
एसएलएमजी अपने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बेड़े को वर्ष 2025 तक 2,000 से बढ़ाकर 5,000 करने और वर्ष 2027 तक 10,000 वाहनों तक ले जाना चाहती है। कंपनी टिकाऊ परिवहन की दिशा में वितरण और भंडारण के लिए बड़े इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रही है।