तिरुचिरापल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और कुछ नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं की कुल लागत 20,140 करोड़ रुपये है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने राज्य में हाल ही में हुई भारी बारिश, दिसंबर 2023 में आई बाढ़ और इनसे हुए नुकसान का जिक्र किया और कहा कि वह प्रभावित परिवारों की पीड़ा समझ सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में तमिलनाडु के लोगों के साथ खड़ी है। हम राज्य सरकार को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में हवाई और बंदरगाहों, रेलवे, राजमार्ग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा और उच्च शिक्षा से संबंधित 20 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उद्घाटन किया और राष्ट्र को समर्पित किया।
मोदी ने देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कषगम (डीएमडीके) के नेता विजयकांत की प्रशंसा की, जिनका कुछ दिन पहले ही निधन हो गया था। तमिल सिनेमा और राजनीति में उनके योगदान की भी प्रधानमंत्री ने सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नेता के रूप में, राजनीति में विजयकांत ने हमेशा राष्ट्रीय हित को हर चीज से ऊपर रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
उन्होंने तमिलनाडु के प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भी याद किया जिनका हाल ही में निधन हो गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन ने देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की।
प्रधानमंत्री ने तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बने नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया।
करीब 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, दो-स्तरीय नए अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल भवन में सालाना 44 लाख से अधिक यात्रियों और व्यस्त समय के दौरान लगभग 3500 यात्रियों की सेवा करने की क्षमता है।
नए टर्मिनल में यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने चेन्नई में कामराजार बंदरगाह के जनरल कार्गो बर्थ-2 (ऑटोमोबाइल निर्यात/आयात टर्मिनल-2 और कैपिटल ड्रेजिंग फेज-5) को राष्ट्र को समर्पित किया।
उन्होंने 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले दिनों एक बयान में कहा था कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की परियोजनाएं क्षेत्र में ऊर्जा की औद्योगिक, घरेलू और वाणिज्यिक आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा।