विज्क आन जी (नीदरलैंड्स) ग्रैंडमास्टर डी गुकेश चीन के वेई यी के खिलाफ अंतिम टाई-ब्रेकर में हार का सामना करने के बाद यहां टाटा स्टील मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे।
भारतीय ग्रैंडमास्टर लियोन ल्यूक मेंडोंका ने हालांकि 13वें और अंतिम दौर में हमवतन दिव्या देशमुख को हराकर चैलेंजर्स वर्ग का खिताब अपने नाम किया।
यह गुकेश के लिए यह मुश्किल दिन रहा। फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए उन्हें 13वें गेम में ईरान के परहम माघसूदलू के खिलाफ काले मोहरों से खेलते हुए जीत दर्ज करने के बाद पिछले साल के विजेता अनीश गिरी के खिलाफ तीन टाई-ब्रेक गेम में बेहतर साबित होना था।
उन्होंने इन दोनों खिलाड़ियों को शिकस्त देने के बाद खिताबी मैच में वेई यी के साथ पहला मुकाबला ड्रा खेला। चीन के खिलाड़ी ने हालांकि अगले मुकाबले को जीतकर खिताब अपने नाम किया।
गुकेश के लिए यह नतीजा दिल तोड़ने वाला था तो वहीं मेंडोंका ने चैलेजर वर्ग में अपनी काबिलियत साबित की।
मेंडोंका ने आखिरी चरण के मुश्किल मैच में दिव्या को हराया। यह मुकाबला बराबरी पर चल रहा था लेकिन दिव्या की एक चूक का फायदा उठा कर मेंडोंका ने शानदार जीत दर्ज की।
उन्होंने खिताब जीतने के बाद कहा, ‘‘मैं बहुत खुश और राहत महसूस कर रहा हूं क्योंकि पूरे टूर्नामेंट में यह बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं था कि मैं जीतने के करीब हूं या नहीं।’’
प्रतियोगिता के शुरुआती चरण के छह मैचों में मेंडोंका केवल तीन अंक बना पाये थे लेकिन उन्होंने आखिरी सात मैचों में 6.5 अंक जुटा कर शानदार वापसी की। खिताब के अलावा उन्हें अब 2025 में मास्टर्स वर्ग में चुनौती पेश करने का मौका मिलेगा। इसे गोवा के युवा ग्रैंडमास्टर के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
इससे पहले मास्टर्स स्पर्धा में 13वें राउंड में गुकेश ने मघसूदलू के खिलाफ काले मोहरों से बेहद जटिल गेम में जीत दर्ज की।
आखिरी दौर के अन्य अहम मुकाबलों में विदित गुजराती वेई यी से हार कर खिताबी दौड़ से बाहर हो गये।
गुकेश ने टाई ब्रेकर में गिरी के खिलाफ शानदार वापसी करते हुए जीत दर्ज की। वह सफेद मोहरों से खेलते हुए टाई ब्रेकर के पहले मुकाबले को हार गये थे लेकिन उन्होंने इसके बाद लगातार दो जीत के साथ फाइनल में अपनी जगह पक्की की।