सबरीमाला (केरल), दो दिन पहले मकरविलक्कू उत्सव के लिए खोले गये सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में नव वर्ष के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मंदिर सुबह तीन बजे खोला गया। इसके बाद निर्मल्यम् और अभिषेकम् अनुष्ठानों के बाद भगवान अयप्पा की मूर्ति का घी से भरे 18,018 नारियल से अभिषेक किया गया।
मंदिर के मुख्य पुजारी पी.एन. महेश नंबूदरी और तंत्री (प्रधान पुजारी) कंडारारू महेश मोहनारारू की उपस्थिति में घी से अभिषेक (नेय्याभिषेकम्) किया गया। बेंगलुरु के चार श्रद्धालुओं- विष्णुसरन भट्ट, उन्नीकृष्णन पोट्टी, रमेश राव और दोराई, के योगदान से प्राप्त घी से अभिषेक किया गया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पंबा गणपति मंदिर में घी से भरे 20,000 नारियल नेय्याभिषेकम् के लिए तैयार किए गए और एक ट्रैक्टर से इन्हें मंदिर ले जाया गया। एक जनवरी 2021 को भी इसी तरह घी से भरे 18,018 नारियल के साथ अनुष्ठान किया गया था।
श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उप पुलिस महानिरीक्षक (डीआइजी) थॉमसन जोस और सन्निधानम पुलिस के विशेष अधिकारी आर आनंद के नेतृत्व में मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। भगवान अयप्पा मंदिर को मकरविलक्कू तीर्थयात्रा के लिए शनिवार शाम को खोला गया था।
मंदिर का प्रबंधन करने वाली शीर्ष संस्था त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने कहा कि 15 जनवरी को मकरविलक्कु उत्सव से पहले 13 ‘प्रसाद शुद्ध क्रिया’ और 14 जनवरी को ‘बिंबा शुद्ध क्रिया’ समेत विभिन्न अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।
मकरविलक्कू के दिन श्रद्धालुओं को सन्निधानम (मंदिर परिसर) में ‘तिरूवाभरणम’ (पवित्र आभूषण) का स्वागत और भगवान अयप्पा की मूर्ति को सजाते हुए ‘दीपआराधना’ देखने का मौका मिलता है। मकरविलक्कू के बाद मंदिर 20 जनवरी तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।