जयशंकर ने नेपाल के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक विचार-विमर्श किया

2024_1$img04_Jan_2024_PTI01_04_2024_000138B-ll

काठमांडू, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को यहां नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ से मुलाकात की तथा इस दौरान दोनों पक्षों ने सदियों पुराने, विशिष्ट तथा बहुआयामी नेपाल-भारत संबंधों पर व्यापक रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया।

इस साल अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत सुबह नेपाल पहुंचे जयशंकर ने प्रधानमंत्री प्रचंड से उनके कार्यालय सिंहदरबार में मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामना प्रेषित की।

बैठक के बाद जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री प्रचंड से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं। जून 2023 में हुई उनकी सफल भारत यात्रा का स्मरण किया जिसने हमारे संबंधों को नई गति प्रदान की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत-नेपाल संबंध वास्तव में विशिष्ट हैं और हमारी साझेदारी क्रमिक रूप से सफलता की ओर बढ़ रही है।’’

प्रचंड ने कहा कि आज की बैठक में दोनों नेताओं ने सदियों पुराने, विशिष्ट और बहुआयामी नेपाल-भारत संबंधों पर व्यापक रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया।

इससे पहले जयशंकर ने यहां राष्ट्रपति कार्यालय शीतल निवास में राष्ट्रपति पौडेल से शिष्टाचार भेंट की।

विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित कीं। भारत-नेपाल संबंधों की मजबूती और विस्तार के लिए उनके मार्गदर्शन तथा भावनाओं को महत्व देता हूं।’’

राष्ट्रपति कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पौडेल ने नेपाल और भारत के बीच संपर्क, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने तथा जलविद्युत के क्षेत्रों में साझेदारी व सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।’’

नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सउद ने यहां त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।



जयशंकर ने आज सुबह काठमांडू पहुंचने के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘2024 के अपने पहले दौरे के लिए फिर से नेपाल आकर खुश हूं। अगले दो दिन में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।’

भारत-नेपाल संयुक्त आयोग का गठन 1987 में हुआ था और यह दोनों पक्षों को द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए मंच प्रदान करता है।

विदेश मंत्री ने नयी दिल्ली में कहा, ‘नेपाल, भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के तहत उसका महत्वपूर्ण साझेदार है। यह दौरा दो करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है।’

क्षेत्र में भारत के समग्र रणनीतिक हितों के संदर्भ में उसके लिए नेपाल एक महत्वपूर्ण देश है और दोनों देशों के नेताओं ने सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ के संबंध का अक्सर उल्लेख किया है।