नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़कर 8,063.39 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी।
एक साल पहले 2022-23 की इसी तिमाही में कंपनी को 448.01 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी सितंबर तिमाही के 12,967.32 करोड़ रुपये के मुकाबले तीसरी तिमाही का मुनाफा काफी कम रहा है।
आईओसी के लाभ में वृद्धि का कारण विपणन मार्जिन बढ़ना है। कच्चे तेल के दाम में नरमी के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम की समीक्षा नहीं होने से विपणन मार्जिन बढ़ा है। इससे कंपनी को 2022-23 में दाम ऊंचे होने के कारण जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई में मदद मिली।
पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से कंपनी की कर पूर्व आय चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बढ़कर 11,428.88 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी की इस मद से कर पूर्व आय 1,541.95 करोड़ रुपये थी।
आईओसी अपनी रिफाइनरियों में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी बनाने के लिए मुख्य रूप से आयातित कच्चे तेल का उपयोग करती है।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर, 2023) में आईओसी का शुद्ध लाभ 34,781.15 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी को 1,816.87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। नौ महीने का लाभ कंपनी के 2021-22 के लाभ से भी अधिक है।
कंपनी ने बाद में बयान में कहा कि नौ महीने की अवधि में लाभ बढ़ने का कारण उच्च विपणन मार्जिन और विनिमय दर के स्तर पर नुकसान का कम रहना है।
आईओसी की परिचालन आय चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कुछ घटकर 2.23 लाख करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2.28 लाख करोड़ रुपये थी।