अफ्रीका में भारत का ‘प्लान M’ शुरू, चीनी ड्रैगन को उसी की चाल से मात देगी मोदी सरकार!

new_defense_pti-comyan

भारत ने अफ्रीका के लिए ‘प्लान M’ की शुरुआत कर दी है। इस प्लान के जरिए भारत अफ्रीकी देशों के साथ सैन्य सहयोग को मजबूत करेगा। अफ्रीका पर चीन पहले से ही अपनी नजर गड़ाए हुए है। ऐसे में मोदी सरकार की इस कोशिश से अफ्रीका में चीनी प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिलेगी। अफ्रीका प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन अस्थिर राजनीति, सैन्य तख्तापलट, गृह युद्ध और आतंकवाद ने इस पूरे महाद्वीप को तबाह कर रखा है। चीन इसी का फायदा उठा रहा है। वह गरीब देशों को सस्ते कर्ज का लालच देकर उन्हें आर्थिक रूप से अपना गुलाम बना रहा है। अफ्रीका में चीन की बढ़ती मौजूदगी से भारत को काफी खतरा है। यही कारण है कि भारत ने भी अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने पर काफी ध्यान दिया है। पिछले कुछ साल में भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ व्यापारिक और सैन्य संबंधों को काफी मजबूत किया है। जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले ने इस इलाके में भारत की साख को और ज्यादा मजबूत किया है।

तंजानिया को सैन्य सहायता दे रहा भारत

भारत तंजानिया को मैकेनाइज्ड इंफेंट्री बटालियन की स्थापना में बड़ी सहायता करने को तैयार है। पिछले महीने तंजानिया डिफेंस फोर्सेज के प्रमुख जनरल जैकब जॉन एमकुंडा की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी। यात्रा के दौरान, तंजानिया के सैन्य प्रमुख ने अहमदनगर में मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर और स्कूल का दौरा किया और उनके साथ 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी था। उन्हें मैकेनाइज्ड इंफेंट्री बटालियन के युद्ध के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई और उन्होंने लाइव प्रदर्शन देखा, जिसमें युद्ध की रणनीति और हथियारों के संचालन के साथ-साथ पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों की मारक क्षमता और गतिशीलता का प्रदर्शन किया गया।

भारत के हेलीकॉप्टर में नाइजीरिया की दिलचस्पी

नाइजीरिया ने भारत के एलसीए तेजस लड़ाकू विमान, एलसीएच प्रचंड और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर में रूचि दिखाई है। पिछले साल अगस्त में नाइजीरिया ने अपनी सेना को मजबूत बनाने के लिए लड़ाकू हेलीकॉप्टर और सस्ते लड़ाकू विमानों की खोज शुरू की थी। इस दौरान नाइजीरिया की एक टीम ने भारत में इन हेलीकॉप्टरों और लड़ाकू विमान के उड़ानों की प्रदर्शनी देखी थी। हालांकि, नाइजीरियाई पायलटों को इन्हें उड़ाना अभी बाकी है। इन सैन्य खरीदों के लिए बातचीत अभी प्रारंभिक चरण में है। इन सैन्य विमानों का निर्माण करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने नाइजीरियाई आर्मी एविएशन के छह पायलटों को चेतक हेलीकॉप्टरों पर प्रशिक्षित किया है। प्रशिक्षण का पहला चरण दिसंबर 2021 में पूरा हुआ और दूसरा चरण दिसंबर 2022 तक पूरा हुआ। प्रत्येक नाइजीरियाई सेना विमानन अधिकारी को प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में 70 घंटे की उड़ान प्रशिक्षण दिया गया था।