नयी दिल्ली, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद बीते साल (2023 में) देश का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात मामूली 0.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ 765.6 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
भारत के निर्यात को इलेक्ट्रॉनिक, दवा, सूती धागा, कपड़े और मेड-अप; सिरेमिक उत्पाद, मांस, डेयरी और पॉल्ट्री उत्पाद, फल और सब्जियां और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र से मदद मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले कैलेंडर साल में वस्तुओं का निर्यात 4.71 प्रतिशत घटकर 431.9 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं सेवाओं का निर्यात 7.88 प्रतिशत बढ़कर 333.8 अरब डॉलर पर पहुंचने अनुमान है।
वस्तुओं का आयात भी पिछले साल सात प्रतिशत घटकर 667.73 अरब डॉलर रहा। 2022 में यह 720.2 अरब डॉलर था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी सेवा क्षेत्र के नवंबर 2023 तक के आंकड़े जारी किए गए हैं। दिसंबर 2023 का आंकड़ा मंत्रालय का एक अनुमान है।
भारत के प्रमुख निर्यात गंतव्यों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, बांग्लादेश, ब्रिटेन और जर्मनी शामिल हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास संघर्ष और मालवाहक जहाजों पर यमन स्थित हुती विद्रोहियों के हमलों के कारण लाल सागर व्यापार मार्ग संकट के चलते माल लदान प्रभावित हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ये चुनौतियां लंबे समय तक बनी रहीं, तो इसका वैश्विक व्यापार पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि भारत का निर्यात और आयात 2022 के 1,651.9 अरब डॉलर की तुलना में 2023 में 2.6 प्रतिशत घटकर 1,609 अरब डॉलर रह गया है।
इस दौरान आयात और निर्यात का अंतर यानी व्यापार घाटा कम होकर 75.2 अरब डॉलर रहा है। 2022 में यह 141.3 अरब डॉलर था।
चालू वित्त वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान वस्तुओं का निर्यात 5.7 प्रतिशत घटकर 317.12 अरब डॉलर रह गया है। वहीं आयात 7.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 505.15 अरब डॉलर रहा है। इससे व्यापार घाटा कम होकर 188.02 अरब डॉलर पर आ गया है, जो 2022-23 की समान अवधि में 212.34 अरब डॉलर था।