वाशिंगटन, अमेरिका में भारत के निवर्तमान राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच संबंध गहन हुए हैं, उनका चरित्र परिपक्व हुआ है और दायरा बढ़ा है।
संधू (61) 35 साल की सेवा के बाद इस महीने के आखिर में विदेश सेवा से निवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने यहां ‘इंडिया हाउस’ में उनके सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में उक्त उद्गार प्रकट किए।
संधू ने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका के संबंध गहन हुए हैं, उनका चरित्र परिपक्व हुआ है और उनके दायरे का विस्तार हुआ है। जैसा कि मैं कई बार कह चुका हूं कि ये मानवीय गतिविधियों के लगभग सभी क्षेत्रों को स्पर्श करते हैं जिनमें प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, कौशल, अंतरिक्ष संबंध आदि हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों में बहुत कुछ हो रहा है। आपमें से ज्यादातर लोगों ने देखा होगा कि यह बदलाव पिछले 10 साल में हुआ है। जब हमने 1998 में परमाणु परीक्षण किया था तो भारत पर प्रतिबंध लगा दिये गये थे। वह मेरा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से पहला सामना और अनुभव था।’’
संधू ने अमेरिका में तीन बार सेवाएं दी हैं और आखिरी कार्यकाल में वह चार साल तक अमेरिका में भारत के राजदूत रहे।
संधू ने कहा कि अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने 300 से अधिक कांग्रेस सदस्यों और करीब 75 सीनेटरों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन सभी वार्ताओं में सकारात्मकता देखी। और वहीं से मुझे यह सकारात्मकता मिली कि कोई भी संकट हो, अमेरिका और भारत की साझेदारी बनी रहेगी और आगे बढ़ेगी।’’
सीनेट खुफिया समिति के अध्यक्ष और सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर मार्क वार्नर ने संधू की सेवाओं और द्विपक्षीय संबंधों में उनके योगदान के लिए उनकी प्रशंसा की।
स्वच्छ ऊर्जा नवाचार और क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार जॉन पोडेस्टा ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में भूमिका के लिए निवर्तमान राजदूत की प्रशंसा की।
संधू के उत्तराधिकारी के नाम की अभी तक घोषणा नहीं हुई है।