भारत ने इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के लिए द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन किया: जयशंकर

israel-hamar-war

मुंबई, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत दशकों पुराने इजराइल-फलस्तीन संघर्ष को समाप्त करने के लिए द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर की शुरुआत में यहूदी देश के अंदर हमास के हमलों के बाद गाजा पट्टी में युद्ध भड़क उठा है जिसकी समाप्ति का कोई संकेत नहीं दिखता।

जयशंकर ने कहा कि पश्चिम एशिया में संघर्ष को समग्र तरीके से देखा जाना चाहिए। उन्होंने करीब चार महीने महीने इजराइल में हमास के घातक हमलों को आतंकवादी हमला करार दिया।

भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), मुंबई के छात्रों के साथ बातचीत में एक सवाल का जवाब देते हुए, जयशंकर ने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से भारत का और बहुत बड़ी संख्या में देशों का विचार है कि द्विराष्ट्र समाधान ही कारगर हो सकता है जहां इजराइल के साथ फलस्तीन राष्ट्र होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘तो आज हमारे लिए सभी पहलू हैं। हम एक पहलू नहीं ले सकते और यह नहीं कह सकते कि यही एकमात्र पहलू है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह मददगार नहीं है। मेरा मानना है कि हमें इन सभी मुद्दों को समग्रता से देखना होगा और सही संतुलन बनाना होगा और उसी दिशा में हम वास्तव में प्रयास कर रहे हैं।’’

विदेश मंत्री ने हमास के हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि सात अक्टूबर, 2023 को जो हुआ वह आतंकवादी हमला था।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस बात पर कोई संशय होना चाहिए और एक ऐसे देश के रूप में जिसने खुद इतने आतंकवाद का अनुभव किया है, मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे पहचानें और हमने आतंकवाद के एक और पीड़ित के रूप में (इजरायल के साथ) एकजुटता व्यक्त की है।’’

हमास के हमलों पर इजराइल की कड़ी प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा कि जब कोई देश जवाबी कार्रवाई करता है तो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने असैन्य लोगों के हताहत होने से बचने की जरूरत बताई।