वाशिंगटन, हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले यमन का एक सशस्त्र मानवरहित समुद्री ड्रोन बृहस्पतिवार को लाल सागर में अमेरिकी नौसेना और वाणिज्यिक जहाजों के ‘‘कुछ मील’’ के दायरे आ गया और उसके बाद उसमें विस्फोट हो गया।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और 12 सहयोगी देशों ने बुधवार को हूती विद्रोहियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे लाल सागर में जहाजों पर हमले बंद करें अन्यथा संभावित सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
पश्चिम एशिया में अमेरिकी नौसेना के अभियान प्रमुख वाइस एडमिरल ब्रैड कूपर ने कहा कि यह पहली बार है जब हूती विद्रोहियों ने इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने और लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर शुरू किए गए हमलों के बाद से एक मानवहित जहाज या यूएसवी का इस्तेमाल किया है। हालांकि, उन्होंने पूर्व में इनका इस्तेमाल किया है।
अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान में मिसाइल विशेषज्ञ फैबियन हिन्ज ने कहा कि यूएसवी हूती के समुद्री शस्त्रागार का अहम हिस्सा है और उनका यमन के युद्ध में दखल देने वाले सऊदी गठबंधन के खिलाफ लड़ाइयों में इस्तेमाल किया गया है। उनका अक्सर आत्मघाती नौकाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
हिन्ज ने बताया कि हूती की ज्यादातर यूएसवी यमन में बनायी जाती है लेकिन उसमें लगाए जाने वाले उपकरण अक्सर ईरान में बनाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के उप राजदूत क्रिस्टोफर लू ने बुधवार को सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में कहा कि ईरान ने हूती को पैसा और आधुनिक हथियार प्रणालियों की आपूर्ति की है जिसमें ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हूती के हमलों की योजना बनाने में ईरान की भी काफी संलिप्तता रही है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका, ईरान के साथ टकराव नहीं चाहता है लेकिन इसका फैसला तेहरान को करना होगा।