लंबे समय से लाल सागर में संकटपूर्ण स्थिति बनी हुई है. यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से एक बार फिर जोरदार हमला किया गया है. ब्रिटिश पोत हमले का शिकार हुआ है. मदद की अपील मिलते ही भारतीय नौसेना ने तुरंत गाइडेड मिसाइल से लैस आईएनएस विशाखापत्तनम को भेज दिया है. नौसेना ने शनिवार को बताया कि आईएनएस विशाखापत्तनम ने ब्रिटिश तेल टैंकर एमवी मार्लिन लुआंडा (MV Merlin Luanda) पर लगी भीषण आग को बुझाने की कोशिशों में मदद के लिए एक टीम तैनात की है, जिसमें 22 भारतीय और एक बांग्लादेशी चालक दल के सदस्य शामिल हैं.
आग बुझाने के लिए टीम को भेजा: नौसेना
नौसेना के एक प्रवक्ता ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर कहा, “एमवी मार्लिन लुआंडा की ओर से अनुरोध किए जाने पर, आईएनएस विशाखापत्तनम ने मुश्किल में फंसे जहाज पर अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में चालक दल की मदद करने के लिए अग्निशमन उपकरणों के साथ अपनी एनबीसीडी टीम को तैनात किया है.
भारतीय नौसेना ने कहा, “भारतीय नौसेना एमवी (व्यापारी जहाजों) की सुरक्षा और समुद्र में जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति दृढ़ और प्रतिबद्ध है.” रिपोर्टों के अनुसार, ब्रिटिश तेल टैंकर के संचालक ने कहा है कि यह जहाज “लाल सागर पार करने के बाद अदन की खाड़ी में एक मिसाइल हमले का शिकार हो गया.”
भारत ने समुद्र में निगरानी बढ़ाई
व्यापारिक जहाजों पर हाल के दिनों में बढ़े हमलों को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में फ्रंटलाइन विध्वंसक और फ्रिगेट तैनात करके अपने निगरानी तंत्र को काफी हद बढ़ा दिया है. इस महीने की शुरुआत में, भारतीय नौसेना ने 17 जनवरी की रात को अदन की खाड़ी में एमवी जेनको पिकार्डी (MV Genco Picardy) पर हुए ड्रोन हमले पर आई मदद की गुहार के बाद जवाब दिया था. इसी तरह 5 जनवरी को, उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमवी लीला नोरफोक (MV Lila Norfolk) के अपहरण की कोशिशों को नाकाम कर दिया था. और उसके सभी चालक दल के सदस्यों को बचा लिया.
इससे पहले, 23 दिसंबर को 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले लाइबेरियाई जहाज एमवी केम प्लूटो (MV Chem Pluto) को भारत के पश्चिमी तट पर ड्रोन हमले को लेकर टॉरगेट किया गया था. एमवी केम प्लूटो के अलावा, एक अन्य वाणिज्यिक तेल टैंकर जो भारत की ओर जा रहा था, उसी दिन दक्षिणी लाल सागर में एक संदिग्ध ड्रोन हमले का शिकार हो गया. इस जहाज पर 25 भारतीयों का दल सवार था.