उम्मीद है अपने प्रदर्शन से युवा पीढ़ी को प्रेरित कर पाउंगा: हरिथ

अलउला (सऊदी अरब) ,डकार रैली 2024 में तीन दिन के अंदर ‘रैली 2’ वर्ग की बाइक रेस के दो चरण जीतने वाले राइडर हरिथ नोहा ने बुधवार को यहां उम्मीद जतायी वह अपने इस प्रदर्शन से युवा पीढ़ी को इस खेल (रेस) के प्रति प्रेरित कर पायेंगे।

शेरको टीवीएस रैली फैक्ट्री टीम के इस राइडर ने रैली की 10वें चरण को जीतने से पहले सोमवार को डकार रैली के किसी भी वर्ग के रेस को जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।

नोहा ने पीटीआई-भाषा को यहां दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि मैं युवाओं को रेसिंग के लिए प्रेरित कर सकूंगा। अगर मैं ऐसा कर सका तो मुझे खुशी होगी। यदि आप वास्तव में कड़ा अभ्यास करते हैं और किसी चीज को दिल से चाहते हैं तो बहुत कुछ संभव है। अगर आपका कोई सपना है तो उस पर काम करने का प्रयास करें।’’

इस 29 साल के राइडर ने कहा कि उनके लिए यह विश्वास करना मुश्किल था कि वह डकार के किसी चरण में सफलता हासिल करने वाले देश के पहले खिलाड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आज (बुधवार को 10वां चरण) फिर जीत दर्ज की है लेकिन यह विश्वास करना कठिन है कि मैं डकार में रैली के किसी चरण को जीतने वाला देश का पहला राइडर हूं। लेकिन हां यह सच है और हम यहां हैं। अब मुझे खुद से और उम्मीदें बढ़ानी होंगी और लगातार काम करते रहना होगा।”

‘रैली 2’ वर्ग की ओवरऑल रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज जर्मनी में जन्में केरल के इस राइडर ने कहा की अब उनका ध्यान रेस के बचे हुए दोनों चरण पर है।

इस 29 साल के रेसर ने कहा, ‘‘ रैली के दो और चरण बचे हुए है। मेरे लिए कल एक और सामान्य दिन होगा। मेरा ध्यान नेविगेशन पर होगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगले दो चरण के लिए कोई खास योजना नहीं हैं। मैं रेस के दौरान एक बार में एक किलोमीटर के बारे में सोचता हूं।’’

उन्होंने अब तक के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मैं अपने समग्र प्रदर्शन से संतुष्ट हूं। इस वर्ष मैंने बहुत कुछ सीखा है। मुझे पता है कि मुझे किस क्षेत्र में सुधार करने की जरूरत है।’’

उन्होंने माना कि नेविगेशन के मामले में डकार रैली का यह चरण काफी चुनौतीपूर्ण है।

हरिथ ने कहा, ‘‘ यह डकार सबसे कठिन में से एक है। इस वर्ष यह शारीरिक और नेविगेशन की दृष्टि से बहुत चुनौतीपूर्ण है।’’

हीरो मोटोस्पोर्ट्स के सीएस संतोष के बाद इस रैली को 2021 में पूरा करने वाले दूसरे भारतीय बने हरिथ ने इस तरह के आयोजन में भारतीय रेसरों की कमी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि हम इस मामले में क्यों पिछड़ रहे हैं लेकिन हम निश्चित रूप से सही दिशा में जा रहे हैं। इस साल भी हमारे देश के दो राइडर (मैं और आशीष रावराने) ने इस रैली को शुरू की थी। आशीष के लिए दुर्भाग्य है कि वह इसे पूरा नहीं कर सका। उम्मीद है कि हम भविष्य में और अधिक राइडर्स देखेंगे।’’