इस्लामाबाद/बीजिंग, चीन ने कहा है कि वह अरबों डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
‘डॉन’ समाचार पत्र की एक खबर के अनुसार, चीन का कहना है कि वह सीपीईसी को आगे बढ़ाने और भविष्य में दोनों देशों के बीच परस्पर राजनीतिक विश्वास को और गहरा करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने इस्लामाबाद में कहा कि सीपीईसी के पहले चरण को हासिल करने के बाद, पाकिस्तान अपनी प्रारंभिक परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहा है और अगले चरण को लागू करने के लिए चीन के संपर्क में है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम समझ बनाने, राजनीतिक आपसी विश्वास को गहरा करने और व्यावहारिक सहयोग का विस्तार करने के वास्ते पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।”
सीपीईसी का उद्देश्य पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ना है। भारत इस परियोजना पर आपत्ति जताता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरती है।
चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग की हाल में हुई पाकिस्तान यात्रा के बारे में वांग ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, प्रधानमंत्री काकड़, ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी’ के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, सेना अध्यक्ष जनरल सैयद असीम मुनीर और विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी के साथ द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की थी।
प्रवक्ता ने कहा कि चीन के मंत्री ने विदेश सचिव साइरस सज्जाद काजी के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय पर सीपीईसी संयुक्त कार्य समूह की चौथी बैठक की सह-अध्यक्षता भी की थी।
इस बीच प्रधानमंत्री काकड़ ने इस्लामाबाद में कहा, ‘‘हमने सीपीईसी का पहला चरण पहले ही हासिल कर लिया है और हम इसकी शुरुआती परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। हम दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं। जब दूसरे चरण की बात आती है तो हमें इस पर और अधिक विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।’’