विपक्ष के बहिष्कार के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगातार चौथी बार चुनाव जीता

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ढाका,  बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगातार चौथी बार आम चुनाव में जीत हासिल की। छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) तथा उसके सहयोगियों के चुनाव के बहिष्कार करने के कारण हसीना की पार्टी अवामी लीग के लिए जीत का रास्ता आसान हो गया।

मीडिया की खबरों के अनुसार, हसीना की पार्टी ने 300 सीट वाली संसद में 223 सीट हासिल कीं। एक उम्मीदवार के निधन के कारण 299 सीट पर चुनाव हुये थे। इस सीट पर मतदान बाद में होगा।

संसद में मुख्य विपक्षी दल जातीय पार्टी को 11, बांग्लादेश कल्याण पार्टी को एक और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 62 सीट पर जीत दर्ज की। जातीय समाजतांत्रिक दल और ‘वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश’ ने एक-एक सीट जीतीं।

अवामी लीग पार्टी की प्रमुख हसीना (76) ने गोपालगंज-तृतीय सीट पर भारी मतों के अंतर से जीत हासिल की। संसद सदस्य के रूप में यह उनका आठवां कार्यकाल है।

हसीना 2009 से सत्ता पर काबिज हैं और एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। अहम बात यह है कि 1991 में लोकतंत्र की बहाली के बाद से ऐसा दूसरी बार है जब सबसे कम मतदान हुआ।

फरवरी 1996 के विवादास्पद चुनावों में 26.5 प्रतिशत मतदान हुआ था जो कि बांग्लादेश के इतिहास में सबसे कम है।

रविवार के चुनाव में दोपहर तीन बजे तक 27.15 प्रतिशत मतदान हुआ था और शाम चार बजे मतदान प्रक्रिया समाप्त हो गई। निर्वाचन आयोग ने एक घंटे में 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल मिलाकर लगभग 40 प्रतिशत मतदान का अनुमान जताया।

इस जीत के साथ, हसीना आजादी के बाद बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाली प्रधानमंत्री बनने की ओर बढ़ रही हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली पार्टी ‘बीएनपी’ ने चुनाव का बहिष्कार किया और चुनाव के दिन हड़ताल पर चली गयी थी। पार्टी ने मंगलवार से शांतिपूर्ण सार्वजनिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से अपने सरकार विरोधी आंदोलन को तेज करने की योजना बनाई है और चुनावों को ‘‘फर्जी’’ करार दिया है।