यरुशलम, निर्माण क्षेत्र में कामगारों की कमी का सामना कर रहे इजराइल में अगले सप्ताह से भारत से करीब 10,000 श्रमिक आएंगे। उद्योग सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इजराइल बिल्डर्स एसोसिएशन (आईबीए) के एक सूत्र ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ये 10,000 श्रमिक प्रति सप्ताह 700 से 1,000 के जत्थे में पहुंचेंगे।
गाजा में हमास के साथ इजराइल के संघर्ष और फलस्तीनी श्रमिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध तथा कई हजार अन्य विदेशी श्रमिकों के प्रस्थान के साथ, इजराइली निर्माण उद्योग को गहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है और कई परियोजनाएं अटक गई हैं या देरी का शिकार हो गई हैं।
संघर्ष के बाद, इजराइल ने फलस्तीनी श्रमिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। कई हजार अन्य विदेशी श्रमिकों के चले जाने से इजराइल के निर्माण उद्योग को गहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इजराइल के कारोबारी दैनिक ‘द कैलकलिस्ट’ ने पिछले हफ्ते हिब्रू में एक खबर में कहा कि निर्माण उद्योग के लिए विदेशी श्रमिकों का कोटा 30,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है और इजराइली सरकार ने पिछले महीने भारत से 10,000 श्रमिकों के आगमन को मंजूरी दी थी।
आईबीए सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से पुष्टि है की कि ‘कैलकलिस्ट’ में छपी खबर में विवरण सही थे। श्रमिकों के पहले जत्थे के आगमन के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वे अगले सप्ताह आएंगे।’’
इज़राइल पहुंचने वाले श्रमिक निजी भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा होंगे, जिसे निर्माण उद्योग में श्रमिकों की तेजी से भर्ती को सक्षम करने के लिए द्विपक्षीय (अंतर-सरकारी) वार्ता के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था।
आईबीए मेक्सिको, केन्या और मलावी जैसे अन्य देशों से भी श्रमिकों को लाना चाहती है। बताया जाता है कि भारत, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान में श्रमिकों की स्क्रीनिंग तीन सप्ताह पहले शुरू हो गई थी।
अखबार की खबर में कहा गया, ‘‘आज तक, लगभग 8,000 श्रमिकों की जांच में से लगभग 5,500 को इजराइल में काम के लिए उपयुक्त पाया गया है, जिनमें से अधिकांश भारतीय हैं।’’
अखबार में उद्योग सूत्रों के हवाले से कहा गया, ‘‘भारतीय निर्माण श्रमिक उच्च पेशेवर स्तर के हैं। उनमें से कई पहले खाड़ी देशों में कार्यरत थे, इसलिए वे कुशल श्रमिक हैं। उनमें से अधिकांश अंग्रेजी में पारंगत हैं और जिन्होंने खाड़ी में काम किया है वे अरबी भी जानते हैं, जो एक बड़ा फायदा है।’’