संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा जारी, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली,  संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर, सूचीबद्ध कामकाज निलंबित कर तत्काल चर्चा कराने की मांग सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से खारिज किए जाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे की वजह से उच्च सदन में न तो शून्यकाल, ना ही प्रश्नकाल और ना ही कोई महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हो सका।

दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक दोबारा आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने देने का अनुरोध किया। इसी दौरान नेता सदन पीयूष गोयल भी खड़े हो गए और कुछ बोलना चाहा।

इसी समय सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से हंगामा और शोर आरंभ हो गया।

धनखड़ ने दोनों पक्षों से शांत होने की गुजारिश की और कहा कि वह सदन में कुछ घोषणा करना चाहते हैं। हालांकि हंगामा एवं शोरगुल जारी रहा और उन्होंने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले सुबह 11 बजे उच्च सदन की कार्यवाही, आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दिन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और इसके बाद सूचित किया कि उन्हें संसद में सुरक्षा चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन संबंधी नियम 267 के तहत कुल 23 नोटिस मिले हैं।

सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पहले ही सदन को अवगत करा चुके हैं कि मामले की जांच हो रही है।

इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर हंगामा शुरु कर दिया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने हाथ से इशारा करके व्यवस्था का प्रश्न उठाने की कोशिश की।

धनखड़ ने इस इशारे पर आपत्ति जताई और कहा, ‘‘मिस्टर चड्ढा, आपको व्यवस्था का मुद्दा उठाने के लिए ऐसा (हाथ का इशारा) करने की जरूरत नहीं है… अपनी जीभ का प्रयोग करें… ऐसा मत करें’’

सभापति ने उनसे कहा, ‘‘… आपको दोषी ठहराया गया था, आपको इस सभा द्वारा सजा सुनाई गई थी।’’

चड्ढा को संसद के मानसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। सदन ने चार दिसंबर को एक प्रस्ताव के जरिए उनका निलंबन समाप्त कर दिया था।

आप सदस्य को विशेषाधिकार समिति ने मीडिया के समक्ष भ्रामक तथ्य पेश करने का दोषी ठहराया था और निलंबन वापस लिए जाने के बाद उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।

हंगामे के बीच ही नेता सदन पीयूष गोयल ने कर्नाटक में कानून और व्यवस्था से जुड़ा कोई मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन शोर में उनकी बात सुनी नहीं जा सकी।

हंगामा बढ़ता देख सभापति ने 11 बजकर 09 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले धनखड़ ने विपक्ष के नेता खरगे, सदन के नेता गोयल और सदन के अन्य नेताओं से उनके कक्ष में मिलने को कहा।

संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। हंगामे के दौरान ‘अमर्यादित आचरण’ करने के लिए तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओब्रायन को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। इसके बावजूद उनके सदन में ही मौजूद रहने के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई थी और अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।

संसद की सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना बुधवार को उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, नारेबाजी करने लगे और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था।