चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संसद में हुई सुरक्षा चूक की घटना को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।
संसद भवन के बाहर बुधवार को प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार दो लोगों में शामिल हरियाणा निवासी नीलम को लेकर पूछ गए सवाल पर खट्टर ने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि जांच जारी है।
सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो लोग बुधवार को शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस को फैलाते हुए नारेबाज़ी की। हालांकि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।
लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए “तानाशाही नहीं चलेगी” आदि नारे लगाए।
संसद में सुरक्षा चूक की घटना के मद्देनजर हरियाणा विधानसभा में सुरक्षा उपायों की समीक्षा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं तो स्वाभाविक है कि सुरक्षा कड़ी करनी पड़ती है।
राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू होगा।
उन्होंने कहा, “हमारी सुरक्षा एजेंसियां भी इसको देख रही हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी… यह 2001 में संसद पर किए गए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन हुई। निश्चित रूप से इस घटना के पीछे राष्ट्रविरोधी लोग और संगठन हैं और (कुछ) लोग पकड़े गए हैं।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा में सेंध लगाने में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
जींद जिले के एक गांव की रहने वाली नीलम के परिवार के सदस्यों ने कहा था कि वह पहले किसान आंदोलन सहित कई आंदोलनों में भाग ले चुकी है।
संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “यह बहुत गंभीर घटना है, विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही हैं…।”
इस बीच, जींद के उछाना गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए, किसान नेता आजाद पालवा ने कहा, “हम चाहते हैं कि नीलम को रिहा किया जाए और उसके खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामले को वापस लिया जाए।”