नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध काफी गंभीर मामला है और विपक्ष को इस मामले को लेकर विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए।
मोदी ने हिंदी समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ से साक्षात्कार के दौरान कहा कि जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और कड़े कदम उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस हमले में शामिल लोगों और उनके मकसद की गहराई तक पहुंचना भी उतना ही जरूरी है।
समाचार पत्र के अनुसार, मोदी ने सुरक्षा में सेंध की इस घटना को ‘‘पीड़ादायक और चिंताजनक’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी को एक साथ समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे मुद्दे पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद में जो घटना हुई उसकी गंभीरता को कम करके नहीं आंका जा सकता ।’’
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष इस मामले को लेकर पूरी गंभीरता के साथ आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
तेरह दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के अंदर कूद गए थे। विपक्षी दल गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले पर बयान देने की मांग कर रहे हैं, कुछ नेताओं ने शाह के इस्तीफे की भी मांग की है।
सरकार का कहना है कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है और वह अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करती रही है। उसने अतीत में हुई चूक की इस प्रकार की कई घटनाओं का जिक्र किया और विपक्ष पर इस मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
भाजपा द्वारा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्री के तौर पर अपेक्षाकृत ‘‘नए एवं अनजान’’ नेताओं को चुने जाने के संबंध में सवाल किए जाने पर मोदी ने कहा कि इन नेताओं के पास बहुत अनुभव है और उन्होंने कड़ी मेहनत की है।
उन्होंने भाजपा के चयन को लेकर सवाल खड़े करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश का यह दुर्भाग्य रहा है कि जो लोग अपनी वाणी से, अपनी बुद्धि और अपने व्यक्तित्व से सामाजिक जीवन में प्रभाव पैदा करते हैं, उनका एक बहुत बड़ा वर्ग एक घिसी-पिटी, बंद मानसिकता में जकड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। जीवन के सभी क्षेत्रों में यह प्रवृत्ति हमें परेशान करती है। किसी भी क्षेत्र में कोई नाम अगर बड़ा हो गया, किसी ने अपनी ‘ब्रांडिंग’ कर दी तो बाकी लोगों पर ध्यान नहीं जाता, चाहे वह कितने ही प्रतिभाशाली क्यों न हों, कितना भी अच्छा काम क्यों न करते हों। ऐसा ही राजनीति के क्षेत्र में भी होता है।’’
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया का ध्यान कई दशकों तक कुछ ही परिवारों पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित रहा है और इस वजह से नए लोगों की प्रतिभा और उपयोगिता की चर्चा ही नहीं हो पा रही।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके कारण आपको कई बार कुछ लोग नए लगते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वे नए नहीं होते। उनकी अपनी एक लंबी तपस्या होती है, अनुभव होता है।’’
भाजपा नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्रियों रमन सिंह, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे की दावेदारी को नजरअंदाज करते हुए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के रूप में क्रमश: विष्णु देव साय, मोहन यादव और भजन लाल शर्मा को चुना है।
मोदी ने अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस अनुच्छेद को रद्द किए जाने पर अपनी मुहर लगा दी है और ‘‘अब ब्रह्मांड की कोई ताकत इसे वापस नहीं ला सकती।’’
उन्होंने हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पता चला है कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से ऐतिहासिक जीत हासिल करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए कि लोग उनके दावों को स्वीकार क्यों नहीं करते।