सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ बातचीत शून्य से शुरू करनी होगी : राउत

मुंबई, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को जोर दिया कि उनकी पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 23 सीटों पर लड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे के संबंध में कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत शून्य से शुरू होगी क्योंकि ‘राज्य में उसके पास कोई भी सीट नहीं है।’’

राउत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा द्वारा जीती गई सीटों पर चर्चा बाद में की जाएगी।

वर्ष 2019 में हुए आम चुनाव में, उद्धव ठाकरे नीत अविभाजित शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, एकनाथ शिंदे द्वारा ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पार्टी पिछले साल विभाजित हो गई। बाद में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ‘शिवसेना’ नाम रखने की इजाजत दे दी।

पिछले लोकसभा चुनाव में शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने चार सीटें जीती थीं, वहीं कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी। चंद्रपुर से कांग्रेस के एकमात्र सांसद बालू धनोरकर का इस साल की शुरुआत में निधन हो गया था।

राउत ने कहा कि ठाकरे सहित शिवसेना (यूबीटी) के विभिन्न नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा केसी वेणुगोपाल के साथ बातचीत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने कहा है कि हम महाराष्ट्र में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और हम दादरा नगर हवेली से भी चुनाव लड़ेंगे।’’ उन्होंने जोर दिया कि महाराष्ट्र में ‘शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी है। ‘ उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है।

राउत ने कहा, ‘हमने तय किया है कि हमने जो सीटें जीती हैं उन पर बाद में चर्चा की जाएगी। इसमें कांग्रेस का नाम शामिल नहीं है क्योंकि उसने महाराष्ट्र में कोई सीट नहीं जीती है। इसलिए राज्य में कांग्रेस के साथ बातचीत शून्य से शुरू करनी होगी।’’

उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की इस टिप्पणी पर कि शिवसेना अब विभाजित हो गई है, कटाक्ष करते हुए कहा कि हालांकि कांग्रेस विभाजित नहीं है लेकिन वह मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव हार गई है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रमुख संजय निरुपम ने राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना (यूबीटी) अपने दम पर कोई सीट नहीं जीत सकती। निरुपम ने कहा कि उस पार्टी को कांग्रेस की जरूरत है और कांग्रेस को उस पार्टी की।

निरुपम ने कहा कि पिछली बार अविभाजित शिवसेना द्वारा जीती गई 18 सीटों में से एक दर्जन से अधिक सांसदों ने पाला बदल लिया है।

उन्होंने कहा, ‘उनके पास इसकी भी गारंटी नहीं है कि शेष सांसद उनके साथ रहेंगे या नहीं।’