पेरिस, भारतीयों समेत 303 लोगों को लेकर निकारागुआ जा रहे एक विमान को ‘‘मानव तस्करी’’ के संदेह में फ्रांस में उतारे जाने के बाद फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास को अपने नागरिकों तक राजनयिक पहुंच मिल गई है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से 303 यात्रियों को लेकर यह विमान निकारगुआ जा रहा था। फ्रांसीसी अधिकारियों ने ‘‘मानव तस्करी’’ के संदेह में बृहस्पतिवार को इसे अपने कब्जे में ले लिया। स्थानीय मीडिया ने फ्रांसीसी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी।
फ्रांस में स्थित भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमें सूचित किया कि दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 लोगों, जिनमें अधिकतर भारतीय मूल के लोग हैं, उन्हें एक फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर विमान के तकनीकी पड़ाव के दौरान हिरासत में लिया गया है। दूतावास की टीम पहुंच गई है और भारतीय नागरिकों के लिए राजनयिक पहुंच प्राप्त कर ली है। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, साथ ही यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहे हैं।’’
‘ली मोंडे’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार, राष्ट्र विरोधी-संगठित अपराध मामलों को देखने वाली इकाई जेयूएनएएलसीओ ने जांच अपने हाथ में ले ली है।
पेरिस अभियोजक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि विशेष जांचकर्ता विमान में सवार सभी यात्रियों से पूछताछ कर रहे हैं और दो लोगों को आगे की जांच के लिए हिरासत में लिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि रोमानियाई कंपनी ‘लीजेंड एयरलाइंस’ का ए340 विमान बृहस्पतिवार को उतरने के बाद वैट्री हवाई अड्डे पर खड़ा रहा।
पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डे से ज्यादातर वाणिज्यिक विमानों का संचालन होता है।
समाचारपत्र की खबर के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि विमान में ईंधन भरा जाना था और इसमें सवार 303 लोग जिनमें अधिकतर भारतीय मूल के हैं, संभवतः संयुक्त अरब अमीरात में काम करते हैं।
खबरों के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए इस यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे।
फ्रांस पहुंचने के बाद यात्रियों को पहले विमान में रखा गया, लेकिन फिर बाहर निकालकर टर्मिनल भवन भेज दिया गया। पूरे हवाई अड्डे को पुलिस ने घेर लिया है।
खबर के अनुसार, अभियोजक कार्यालय ने कहा कि सूचना मिली थी कि विमान में सवार लोग मानव तस्करी के शिकार हो सकते हैं। अंततः यात्रियों को हवाई अड्डे के मुख्य हॉल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां बृहस्पतिवार को उनके रात भर ठहरने के लिए बिस्तर की व्यवस्था की गई।
‘लीजेंड एयरलाइंस’ ने अभी तक इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कंपनी की वकील लिलियाना बाकायोको ने तस्करी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।
फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है।