शहरी विकास के मामले में पटना को बहुत कुछ करने की जरूरत है: पुरी

पटना, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि बिहार की राजधानी पटना शहरी विकास के मामले में अन्य शहरों से पीछे है और इस क्षेत्र में यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है।

आवास एवं शहरी मामले तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री पुरी ने कहा कि ‘स्मार्ट सिटीज मिशन’ (एससीएम) के तहत पटना में कई परियोजनाओं में तेजी लाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘एससीएम द्वारा घोषित देश के 100 स्मार्ट शहरों में पटना 83 वें स्थान पर है। इससे पता चलता है कि यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है और काम की काफी गुंजाइश है।’’

पुरी ने कहा,‘‘ एससीएम के तहत पटना में लगभग 1,679 करोड़ रुपये की कुल 39 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिनमें से 26 परियोजनाएं (1,026 करोड़ रुपये की) पूरी की चुकी हैं, 13 अन्य (653 करोड़ रुपये की) पर काम अभी भी पटना में चल रहा है। इनमें तेजी लाने की जरूरत है।’’

केंद्रीय मंत्री मंगलवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रसिद्ध सिख तीर्थ श्री तख्त हरमंदिर पटना साहिब गुरुद्वारा में एक समारोह में भाग लेने के लिए यहां आए थे।

पुरी ने कहा कि एससीएम का उद्देश्य उन शहरों को बढ़ावा देना है जो बुनियादी ढांचा प्रदान करते हैं और स्मार्ट समाधानों के माध्यम से अपने नागरिकों को गुणवत्ता पूर्ण, स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण प्रदान करते हैं।

केंद्र ने जून 2015 में एससीएम शुरू किया था जिसके तहत दो चरणों में पुनर्विकास के लिए 100 शहरों का चयन किया गया था।

उन्होंने कहा कि पटना ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) के निर्माण में अच्छा प्रदर्शन किया है तथा शहर के लिए 3,024 इकाइयों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिनमें 3,046 से अधिक आईएचएचएल इकाइयाँ बन गई हैं।

पुरी ने कहा कि जहां तक बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के कार्यान्वयन का सवाल है तो राज्य में अब तक कुल 14,182 लाख आवास इकाइयां लाभार्थियों को दी जा चुकी हैं। उनका कहना था कि राज्य में पीएमएवाई-यू के तहत 21,564 लाख आवास इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है।

एससीएम को लेकर पटना की रैंकिंग के बारे में पुरी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि हाल के वर्षों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के विस्तार ने बिहार जैसे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला है।

तिवारी ने दावा किया कि केंद्र ने बिहार में सामाजिक, शिक्षा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के लिए अपना हिस्सा जारी करना बंद कर दिया है इसलिए 100 स्मार्ट शहरों में पटना के खड़े होने के बारे में केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी उचित नहीं है।