नयी दिल्ली, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि कृषि सुधारों को लेकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट संप्रग सरकार के दौरान आई थी लेकिन नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार ने इसकी सिफारिशों पर काम करना शुरू किया और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पाद लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय किया।
तोमर ने कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों (वापस लिए जा चुके) के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बाद एमएसपी समेत अनेक मुद्दों पर अध्ययन के लिए समिति का गठन किया गया था जो अब तक 30 से 35 बैठकें कर चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘समिति की सिफारिशें अभी नहीं आई हैं।’’
वह प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य अधीर रंजन चौधरी के एक पूरक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। चौधरी ने पूछा था कि क्या केंद्र ने एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने की किसानों की मांग पर कोई निर्णय लिया है।
चौधरी ने जवाब में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने एमएस स्वामीनाथन के नेतृत्व में आयोग का गठन किया था, लेकिन इसकी रिपोर्ट 2017 में तब आई जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संप्रग सरकार केंद्र में थी।
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने तब आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के लिए एक समूह बनाया जिसमें तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री शामिल थे।
तोमर ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने 201 सिफारिशें की थीं। उन्होंने कहा कि इनमें से राजग सरकार 100 पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुख्य सिफारिश एमएसपी पर थी। स्वामीनाथन ने कहा था कि लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर एमएसपी घोषित की जानी चाहिए।’’
कृषि मंत्री ने लोकसभा में कहा, ‘‘2014 तक संप्रग सरकार थी। संप्रग के शासन में इस सिफारिश पर विचार नहीं किया गया। नरेन्द्र मोदी सरकार आई तो आयोग की सिफारिश पर काम शुरू हो गया। आज लागत दर पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर एमएसपी घोषित की जाती है।’’