नयी दिल्ली, भारत 24 जनवरी से काहिरा में शुरू होने वाले सत्र के शुरूआती आईएसएसएफ विश्व कप में हिस्सा नहीं लेगा क्योंकि राष्ट्रीय महासंघ अपने निशानेबाजों को कुछ आराम देना चाहता है और व्यस्त रहने वाले वर्ष में उन्हें थकाना नहीं चाहता।
वर्ष 2024 में कुछ पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन प्रतियोगितायें भी हैं।
टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने का फैसला हाल में ही लिया गया है जिससे कुछ शीर्ष निशानेबाज दुविधा में पड़ गये हैं क्योंकि उन्होंने पहले से ही टूर्नामेंट के लिए योजना बनाई हुई थी।
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) महासचिव सुल्तान सिंह ने कहा कि इस मामले पर कोच, खेल विज्ञान टीम और हर किसी से चर्चा की गयी थी और इसी के अनुसार ही यह फैसला लिया गया।
काहिरा विश्व कप सभी तीन स्पर्धाओं – पिस्टल, राइफल और शॉटगन – में खेला जायेगा जो एक फरवरी को समाप्त होगा।
सुल्तान सिंह ने कहा, ‘‘हम उन्हें आराम देना चाहते हैं, उन्हें थकाना नहीं चाहते। हर चीज ट्रेनिंग कार्यक्रम के अनुसार चलता है। हम ट्रेनिंग के मामले में निशानेबाजों और कोचों को शामिल किये बिना कोई फैसला नहीं करते। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘सभी निशानेबाज इससे वाकिफ हैं, यह नीति के अनुसार ही किया गया। सभी निशानेबाज इससे परिचित हैं। ’’
एनआरएआई सहायक सचिव निमित चोपड़ा ने संकेत दिया कि कोच चाहते थे कि निशानेबाज व्यस्त वर्ष में खुद को थकाये नहीं।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘कोच अपने निशानेबाजों को आराम देना चाहते थे और उन्हें सभी प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लेने देना चाहते। हमें जकार्ता प्रतियोगिता (पांच से 18 जनवरी तक एशिया ओलंपिक क्वालीफिकेशन राइफल/पिस्टल) में हिस्सा लेना है जिसमें पूरी ‘ए’ टीम जा रही है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘काहिरा विश्व कप (24 जनवरी से एक फरवरी) जकार्ता में ओलंपिक कोटा प्रतियोगिता के तुरंत बाद है। टीम को नहीं भेजने का फैसला पिछले हफ्ते ही लिया गया। ’’
चोपड़ा ने कहा, ‘‘हम ‘बी’ टीम को भी नहीं भेज रहे हैं, इसका कारण यह है कि अगर हम ‘ए’ टीम को नहीं भेजेंगे और केवल ‘बी’ टीम जायेगी तो टूर्नामेंट में कुछ क्यूआरओजी (ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफिकेशन रैंकिंग अंक) होंगे जिसे ‘बी’ टीम हासिल कर सकती है और (जब अगले साल मई में ओलंपिक चयन ट्रायल्स होंगे) यह ‘ए’ टीम के लिए नुकसानदायक होगा। इसलिये हमने काहिरा में किसी को भी नहीं भेजने का फैसला किया। ’’