न्यूयॉर्क, अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित ‘टाइम्स स्क्वायर’ उस वक्त ‘गरबा’ की धुन और संगीत से गूंज उठा, जब भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों ने इसे (गरबा को) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होने के बाद यहां पारंपरिक गुजराती नृत्य किया।
बृहस्पतिवार देर शाम कड़ाके की ठंड के बीच न्यू जर्सी सहित न्यूयॉर्क त्रि-राज्य क्षेत्र के प्रवासी सदस्य बड़ी संख्या में टाइम्स स्क्वायर में गरबा के लिए एकत्र हुए।
इस सप्ताह की शुरुआत में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति ने बोत्सवाना के कसाने में अपने 18वें सत्र के दौरान ‘गुजरात के गरबा’ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया।
यहां महिलाओं और पुरुषों ने पारंपरिक गरबा परिधान पहने नृत्य किया, जिसे देखने और इसे कैमरे में कैद करने के लिए दुनिया भर के पर्यटक वहां रुक गए। इस दौरान कुछ दर्शक गरबा और ‘ढोल’ के धुन पर कदम ताल करते हुए नजर आए।
टाइम्स स्क्वायर उत्सव में समुदाय को संबोधित करते हुए, न्यूयॉर्क में भारत के कार्यवाहक महावाणिज्यदूत डॉ. वरुण जेफ ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि हम गुजरात के गरबा का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरबा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) के अध्यक्ष अंकुर वैद्य ने इस अवसर को ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि भारतीय-अमेरिकी प्रवासियों को गरबा कला का शौक है।
उन्होंने कहा, “हम (इस) प्राचीन कला को मान्यता देने के लिए यूनेस्को के बेहद आभारी हैं।”