कुछ समय पूर्व तक स्मरण शक्ति का कमजोर होना आयु को दर्शाता था। अब स्मरण शक्ति का कमजोर होना छोटी उम्र में भी देखा जाता है। मनुष्य पर मानसिक रूप से अधिक दबाव और तनावपूर्ण वातावरण ही इसके मुख्य कारण हैं।
खान-पान में भी इतनी तब्दीलियां आ गई हैं कि पौष्टिक आहार लेना आज के बच्चों और नवयुवकों को बिल्कुल पसंद नहीं है। इन सब कारणों से स्मरण शक्ति धीरे-धीरे कम होती चली जा रही है। अपने खानपान में कुछ बदलाव लाकर हम अपनी स्मरण शक्ति को बचा कर रख सकते हैं।
सेब
दिमागी नाड़ियों हेतु सेब का सेवन उत्तम माना जाता है। प्रतिदिन खाना खाने से 15 मिनट पूर्व सेब चबा-चबा कर खायें। सेब सिर दर्द को भी दूर करता है। सेब के बारे में एक मशहूर कहावत मानी जाती है ‘‘एन ऐपल ए डे‘ कीप्स द डॉक्टर अवे‘
बादाम
बादाम का सेवन आप भिगो कर या बिना छिलका उतारे भी कर सकते हैं। प्रातः नाश्ते में 5 ग्राम भीगे बादामों का छिलका उतार कर, 5 ग्राम मिश्री और सौंफ पीस कर गुनगुने दूध के साथ पियें। नियमित सेवन से स्मरण शक्ति और आंखों की रोशनी को तेज रखा जा सकता है। यदि आप दूध के साथ नहीं लेना चाहते तो इन सब चीजों को पीस कर मक्खन के साथ भी ले सकते हैं।
गाजर
शीत ऋतु में अधिक मात्रा में गाजर चबा कर खायें। गाजर का रस भी शीत ऋतु में पियें। दूध, गाजर, चीनी मिलाकर उबालें। खीर के रूप में इसका सेवन करें।
अंकुरित गेहूं और दालें
दालों और गेहूं को अंकुरित करके सलाद के रूप में भोजन से पहले लें। इनको स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें खीरा, प्याज, टमाटर, उबला आलू, नमक-मिर्च स्वादानुसार और नींबू का रस मिला सकते हैं।
आंवला
विटामिन सी से भरपूर आंवले का सेवन हर प्रकार से करना लाभप्रद होता है। विटामिन सी प्रचुर होने के कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है।
सौंफ
सौंफ को दरदरा पीस कर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर चूर्ण तैयार करके किसी शीशी में भर कर रख लें। प्रतिदिन 1 चम्मच भर दूध या पानी के साथ सेवन करें।
इन चीजों के अतिरिक्त काली मिर्च और अखरोट का सेवन भी लाभप्रद होता है। प्रयास करें कि तनाव जीवन में आप पर हावी न हो। प्रातः समय निकाल कर हरी घास पर सैर करें। मन को शांत रखें। मन की शान्ति के लिए ध्यान करें। हल्का-फुल्का व्यायाम भी तनाव से मुक्ति दिलवाने में मदद करता है।