नयी दिल्ली, सरकार के इस वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रिक उत्पादों के लिए पीएलआई के तहत 79 करोड़ रुपये का वित्त प्रोत्साहन वितरित करने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इन उत्पादों (व्हाइट गुड्स) के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का मकसद एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट घटकों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों के लिए 11,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन वितरण का लक्ष्य कम पड़ सकता है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ कई परियोजनाएं प्रारंभिक अवधि में हैं। ‘व्हाइट गुड्स’ के क्षेत्र में हम अंतिम तिमाही में करीब 79 करोड़ रुपये के वितरण की उम्मीद कर रहे हैं।’’
‘व्हाइट गुड्स’ खंड के तहत पीएलआई योजना के 64 चयनित लाभार्थियों में से 15 ने उत्पादन शुरू कर दिया है। इन 15 लाभार्थियों ने 31 मार्च 2022 की अवधि को चुना है। अन्य लाभार्थी जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक की अवधि का विकल्प चुना है, वे कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
यह योजना 2021-22 से 2028-29 तक सात साल की अवधि के लिए है। इसका परिव्यय 6,238 करोड़ रुपये है।
खिलौने जैसे क्षेत्रों के लिए योजना का विस्तार करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘‘ योजना की समीक्षा के बाद इस पर निर्णय किया जाएगा। हम अब तक क्या प्रगति हुई है उसकी समीक्षा कर रहे हैं। कुछ में प्रगति बेहतर है तो कुछ क्षेत्रों में बदलाव की जरूरत है। इसलिए एक अंतर-मंत्रालयी परामर्श जारी है।’’
इस साल मार्च तक 1.98 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत 2,900 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन वितरित किए जा चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में लगी कंपनियों के लिए इस वर्ष अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल विनिर्माण, दवा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं, जबकि कपड़ा जैसे कुछ क्षेत्रों में कुछ सुधार की उम्मीद है।
इस योजना की घोषणा 2021 में दूरसंचार, सफेद सामान, कपड़ा, चिकित्सकीय उपकरणों के विनिर्माण, मोटर वाहन, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन विज्ञान सेल बैटरी, ड्रोन और दवा जैसे 14 क्षेत्रों के लिए की गई थी। इसका परिव्यय 1.97 लाख करोड़ रुपये है।