अपने पति के दिल की रानी कैसे बनें?

जब कोई भी लड़की विवाह के विषय में विचार करती है तो सबसे पहले वह कल्पना करती है, एक ’सुखद दांपत्य‘ जीवन के विषय में। उसकी यह इच्छा होती है, कि उसका दांपत्य जीवन सुखी व मधुर बना रहे, उसका पति हमेशा उसे बहुत प्यार करता रहे।


उसका पति सिर्फ उसका ही रहे, ऐसी प्रत्येक पत्नी की इच्छा होती है। ऐसा सम्भव है, आपका दांपत्य लम्बे समय तक सुखमय रह सकता है, आपका पति सिर्फ आपके ही ख्यालों में खोया रह सकता है। बस आपको इसके लिए कुछ सावधानियां रखनी पड़ेगी।


विवाह के बाद लड़की का दूसरा जन्म मानते हैं क्योंकि वह एकदम नये परिवार, नये परिवेश में, नये वातावरण में पहुंचती है जहां उसे सास-ससुर, मां-बाप के रूप में प्राप्त होते हैं। ऐसे में पति ही आपका जीवन साथी है, जिसे जीवन के अन्त तक आपके सुख-दुख के साथी बने रहना है। अतः ससुराल में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ आपका केन्द्र बिन्दु आपका पति होना चाहिए। आपको पूरा जीवन अपने पति के साथ काटना है।


चाहे आपके विवाह को कितने ही दिन बीत जाएं, इस बात का हमेशा ध्यान में रखें कि अपने प्रियतम के सामने सज-संवर कर ही जायें। आपको आपके पति कभी बदसूरती के आलम में न देखें, ऐसा आपको सदैव प्रयास करना चाहिए। दिन भर में काम में व्यस्त रहने से आपके कपड़े इतने अस्त-व्यस्त व गन्दे हो जाते हैं कि आप यदि सुन्दर हों भी तो भी कम से कम आपको लिपटाने का मन नहीं करेगा। अतः जैसे ही आपके पति के ड्यूटी से आने का समय हो तो साफ कपड़े पहनकर, अपने आप को सजा-संवार कर प्यार भरी मुस्कुराहट के साथ अपने पति के समक्ष पेश करें जिससे आपके ’उनकी‘ दिन भर की थकान तो उतर ही जाएगी, ’उनका‘ आपको प्यार करने के लिए दिल भी उमड़ पड़ेगा।


किसी ने कहा है कि दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है। अतः दिल जीतने के लिए यह आवश्यक है कि आप स्वादिष्ट व्यंजन बनाना जानती हों। अपने पति को लजीज खाना बनाकर खिलाइये। आपके पति, किसी अन्य का बना खाते समय कम से कम मन में आपको अवश्य याद करेंगे कि आपका खाना कितना स्वादिष्ट होता है।


सुखी दांपत्य का एक ठोस आधार है ’सेक्स‘। आप अपने दांपत्य को सुखी बनाना चाहती हैं तो ’सेक्स‘ के विषय में आपको जागरूक बनना होगा। विवाह के प्रारम्भ में अधिकांश दंपति दिन-रात एक ही चक्कर में रहते हैं ’सेक्स पूर्ति’ किंतु धीरे-धीरे वे इसे रोजमर्रा की चीज की तरह एक मशीनी कार्य समझकर निपटा कर सो जाते हैं।


यह प्यार केवल ’सेक्स पूर्ति‘ से ही नहीं मिलता। इसके लिए पति को प्यार से सहलाना, स्पर्श करना आवश्यक है। प्यार का चुम्बन, स्पर्श और प्यार वार्ता करना भी ठोस प्रेम है। तनाव से दूर होकर ही शयन कक्ष प्रवेश करें। शयन कक्ष में आपका एकमात्रा लक्ष्य होना चाहिए प्रियतम को प्यार करना। सेक्स पूर्ति से अधिक पत्नियों द्वारा प्यार, दुलार व स्पर्श व चुम्बनों से पति प्रसन्न होते हैं किन्तु हमारे देश में लाज-शर्म के कारण पति के समक्ष स्त्रा केवल पूर्ण समर्पण करना ही अपनी ओर से काफी समझती है। पति पत्नी ’सेक्स पूर्ति‘ करें और फिर सो जाएं, यही काफी समझती हैं, जबकि ऐसा नहीं है।


सेक्स पूर्ति के लिए यौन संबंधों को अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए उसमें नयापन लाइये। इसके लिए ’सेक्स ज्ञान‘ संबंधी अच्छी पुस्तकें पढ़िए। आज से हजारों वर्ष पूर्व से, सेक्स के विषय में हमारे देशवासी, दंपति काफी जागरूक थे जिसका प्रमाण खजुराहों के मंदिरों व अजन्ता-एलोरा की गुफाओं में बनी मूर्तियों से मिलता है जिनमें यौन क्रियाओं को ’चौरासी आसनों‘ की मुद्राओं का चित्राण किया गया है। अतः अपने जीवन में प्रतिदिन उमंग लाने के लिए, यौन संबंधों में प्रगाढ़ता लाने के लिए अनेक आसनों का प्रयोग किया जा सकता है।


सेक्स के विषय में प्रारम्भ से ही सावधानी रखें कि प्रारम्भ में इसकी अति न हो। अधिकता से शीघ्र ही उबासी व स्वास्थ्य पर भी असर आ जाता है। अतः इसके लिए सप्ताह का कोई एक दिन निश्चित कर लें। इससे आपका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और फिर पूरे सप्ताह आपको ’उस‘ दिन की प्रतीक्षा का खुमार रहेगा जिसमें ’उस‘ दिन आपको और अधिक आनन्द आयेगा।


यदि आप इन विषयों का ध्यान रखेंगे तो आपका दांपत्य जीवन लम्बे समय तक सुखमय बना रहेगा और आप अपने पति के दिल की ’रानी‘ बन सकेंगी।