नयी दिल्ली, घरेलू मोर्चे पर किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में आगामी सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुझान और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि ऊंचे मूल्यांकन की वजह से निकट अवधि में बाजार में कुछ ‘गिरावट’ आ सकती है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘पिछला सप्ताह मुख्य रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत घटनाक्रम से प्रभावित था। अब सभी का ध्यान बैंक ऑफ जापान के नीतिगत फैसले पर है, जिसकी घोषणा 19 दिसंबर को होगी।’’
मीणा ने कहा कि इसके अलावा कच्चे तेल के दाम और अमेरिका, चीन के वृहद आर्थिक आंकड़े बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि तकनीकी रूप से अत्यधिक खरीद की स्थितियों के कारण निकट अवधि में बाजार नीचे आ सकता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि बाजार के लिए निकट अवधि का दृष्टिकोण तेजड़ियों के पक्ष में बना हुआ है।
विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक खबरों… मसलन सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर, विनिर्माण पीएमआई के बढ़कर 56 तक पहुंचने, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम घटकर 76 डॉलर प्रति बैरल तक आने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लिवाली से बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं।
पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,658.15 अंक या 2.37 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 487.25 अंक या 2.32 प्रतिशत चढ़ गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 969.55 अंक या 1.37 प्रतिशत उछलकर 71,483.75 के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ।
दिन में कारोबार के दौरान यह 1,091.56 अंक या 1.54 प्रतिशत बढ़कर 71,605.76 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। शुक्रवार को सेंसेक्स पहली बार 71,000 अंक के पार बंद हुआ था।
वहीं निफ्टी 273.95 अंक या 1.29 प्रतिशत चढ़कर 21,456.65 के अपने नए शिखर पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 309.6 अंक या 1.46 प्रतिशत बढ़कर 21,492.30 के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गया।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों से सकारात्मक संकेतकों के कारण बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गया। मजबूत घरेलू औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण पीएमआई आंकड़ों के साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर रिजर्व बैंक की सकारात्मक टिप्पणी की वजह से बाजार ऊंचाई पर पहुंचा।’’
नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल घटने और फेडरल रिजर्व द्वारा 2024 में नीतिगत दर में कई बार कटौती करने के संकेतों से बाजार को बढ़ावा मिला है।’’
उन्होंने कहा कि ऊंचे मूल्यांकन और अल नीनो को लेकर चिंता की वजह से निकट अवधि में बाजार में कुछ ‘गिरावट’ आ सकती है।