नयी दिल्ली, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले छह कारोबारी सत्रों में भारतीय इक्विटी बाजारों में 26,505 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसे तीन राज्यों में भाजपा की चुनावी जीत और मजबूत आर्थिक आंकड़ों का असर माना जा रहा है।
इसके पहले अक्टूबर में एफपीआई ने 9,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त और सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 39,300 करोड़ रुपये की निकासी की थी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे भी एफपीआई का निवेश प्रवाह जारी रहने की संभावना है।
आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने दिसंबर महीने में आठ तारीख तक भारतीय इक्विटी में 26,505 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है।
फिडेलफोलियो इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक किसलय उपाध्याय ने कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के नतीजों ने एफपीआई प्रवाह को तेजी देने में अहम भूमिका निभाई क्योंकि इससे आगे चलकर राजनीतिक स्थिरता का संकेत मिलता है।
विजयकुमार ने कहा, “2024 के आम चुनावों के बाद राजनीतिक स्थिरता रहने के संकेत, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि की रफ्तार, मुद्रास्फीति में गिरावट, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार कमी और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में नरमी ने हालात को भारत के पक्ष में बदल दिया है।”
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सह निदेशक- शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अगले साल की पहली तिमाही से ब्याज दर में कटौती का संकेत दिया है जो ब्याज दर में तेजी का दौर खत्म होने का इशारा करता है। रुख में इस बदलाव से अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ है।
इसके अलावा अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के प्रतिफल में आई गिरावट ने विदेशी निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश के लिए प्रेरित किया है।
एफपीआई अग्रणी बैंकों को लेकर फिर से खरीदार बन गए हैं जहां पहले वे बिकवाल बने हुए थे। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, वाहन और पूंजीगत उत्पाद खंडों की बड़ी कंपनियों में भी खरीदारी देखी जा रही है।
बॉन्ड के मामले में समीक्षाधीन अवधि के दौरान एफपीआई ने ऋण बाजार में 5,506 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके पहले नवंबर में छह साल के उच्चतम स्तर 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
विदेशी निवेशकों ने इस साल अब तक इक्विटी बाजारों में 1.31 लाख करोड़ रुपये और ऋण बाजारों में 55,867 करोड़ रुपये का निवेश किया है।