नयी दिल्ली, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने शुक्रवार को कहा कि सदन की आचार समिति की वह अनुशंसा ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ है जिसमें उनकी पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की बात की गई है।
मोइत्रा पर ‘रिश्वत लेकर सदन में सवाल पूछने’ का आरोप है। आचार समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर ने इस मामले से संबंधित रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा के पटल पर रख दी।
बंदोपाध्याय ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मुलाकात की।
तृणमूल नेता के अनुसार, उन्होंने बिरला से कहा कि मोइत्रा को सदन में अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए, जिस पर बिरला ने जवाब दिया कि मामले पर चर्चा के लिए आधे घंटे का समय दिया जाएगा।
बंदोपाध्याय ने सवाल किया कि जिस उद्योगपति (दर्शन हीरानंदानी) ने मोइत्रा पर प्रश्न पूछने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगाया था, उन्हें आचार समिति की बैठक में क्यों नहीं बुलाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बैठक (आचार समिति की) थोड़े समय में समाप्त हो गई थी और कोई नतीजा नहीं निकल सका था। दूसरी बैठक क्यों नहीं बुलाई गई? इतनी जल्दी क्यों?’’
टीएमसी नेता ने रिपोर्ट में की गई सिफारिश को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।