नयी दिल्ली, एस्सार समूह गुजरात में ऊर्जा बदलाव, बिजली और बंदरगाह परियोजनाओं में 55,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इन निवेश समझौतों पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए गए।
एस्सार का यह निवेश एक गीगावाट क्षमता की हरित हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना, सलाया बिजली संयंत्र के विस्तार और सलाया बंदरगाह को लॉजिस्टिक केंद्र में बदलने के लिए किया जाएगा।
कंपनी ने बयान में कहा कि उसने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ वैश्विक निवेशक सम्मेलन, 2024 से पहले कुल 55,000 करोड़ रुपये के निवेश के संबंध में गुजरात सरकार के साथ तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
बयान के मुताबिक, ‘‘एस्सार राज्य में ऊर्जा बदलाव, बिजली और बंदरगाह क्षेत्रों में रणनीतिक निवेश करने के नए चरण में है। इस पहल का लक्ष्य 10,000 से अधिक रोजगार अवसर पैदा करना हैं।’’
पिछले चार दशक में एस्सार ने गुजरात में ऊर्जा, धातु एवं खनन और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इनमें वाडिनार में दो करोड़ टन प्रति वर्ष की तेल रिफाइनरी और हजीरा में एक इस्पात संयंत्र शामिल हैं। हालांकि, कंपनी ने अपना कर्ज चुकाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में ये परियोजनाएं बेच दी थीं। इस तरह एस्सार अब गुजरात में निवेश के दूसरे दौर में कदम रख रहा है।
एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने एमओयू पर हस्ताक्षर के बारे में कहा, ‘‘एस्सार के रणनीतिक निवेश में गुजरात लगातार आगे रहा है। हमें ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 55,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश से राज्य की आर्थिक प्रगति में योगदान करने में खुशी हो रही है।’’
ऊर्जा बदलाव के क्षेत्र में निवेश 30,000 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाली एक गीगावाट क्षमता की हरित हाइड्रोजन परियोजना में किया जाएगा।
एस्सार समूह अपने सलाया बिजली संयंत्र के विस्तार के दूसरे चरण में 16,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगा। इसके अलावा एस्सार पोर्ट्स अपने सलाया बंदरगाह को लॉजिस्टिक केंद्र में बदलने पर भी 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है।
हालांकि, एस्सार समूह ने इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए किसी समयसीमा का उल्लेख नहीं किया है।
एस्सार ऊर्जा के प्रमुख क्षेत्रों, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक (बंदरगाह, परियोजनाएं और हरित आवागमन कारोबार), धातु एवं खनन, प्रौद्योगिकी और खुदरा कारोबार में सक्रिय है। इसकी कंपनियों का कुल राजस्व 15 अरब डॉलर है।