इंजीनियर से एक्‍टर बने अमोल पाराशर

17 सितंबर, 1986 को दिल्ली में जन्में एक्‍टर अमोल पाराशर ने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल की है। उसके बाद कुछ समय तक उन्‍होंने जेडएस एसोसिएट्स में नौकरी भी की।

लेकिन जल्‍दी ही अमोल ने नौकरी छोड़ दी, क्योंकि उनका मन कहीं न कहीं एक्टिंग की दुनिया में रमने लगा था, इसलिए अमोल अपने दिल की सुनते हुए एक्टिंग में करियर बनाने के लिए कोशिशों में जुट गए।  
अमोल पाराशर को पहला अवसर निर्देशक शिमित अमीन की फिल्‍म ‘रॉकेट सिंह:सेल्‍स मेन ऑफ द ईयर’ (2009) में दिया। उसके बाद वो ‘बबलू हैप्‍पी है’ (2014) डोम्बिवली रिटर्न्‍स’ (2014) मिली (2015) और ‘ट्रेफिक’ (2016) जैसी फिल्‍मों के छोटे छोटे किरदारों में नजर आते रहे।

वेब सिरीज ‘टीवीएफ ट्रिपलिंग’ (2016) में अमोल ने चितवन शर्मा का किरदार निभाकर ऐसी शोहरत हासिल की, जिसके लिए बड़े-बड़े सितारे तरसते हैं।

कोंकणा सेन शर्मा के साथ फिल्म ‘डॉली किट्टी और चमकते सितारे’ (2020) और शूजीत सरकार की फिल्म ‘सरदार उधम सिंह’ (2021) में उनके काम को काफी अधिक सराहा गया। खासकर ‘सरदार उधम सिंह’ (2021) में उन्‍होंने सरदार भगत सिंह का जो किरदार निभाया, वह हर किसी को काफी अधिक पसंद आया।

अमोल पाराशर आखिरी बार कॉमेडी फिल्म ‘कैश’ (2021) और जी 5 पर पर ऑन स्‍ट्रीम हुई फिल्‍म ’36 फार्म हाउस’ की मुख्य भूमिकाओं  में नजर आए थे ।

अमोल अब तक कई वेब सीरीज और फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से जान फूंक चुके हैं। अमोल पाराशर ने अपने शानदार काम के लिए अब तक कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड्स  अपने नाम कर चुके हैं.

‘टीवीएफ ट्रिपलिंग’ (2016) के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर (कॉमेडी) केटेगरी के लिए आईरील अवॉर्ड और आईडब्ल्यूएम अवॉर्ड मिल चुके हैं। उनके करियर का आलम कुछ ऐसा रहा कि उन्होंने एक्टिंग की दुनिया से वह मुकाम हासिल किया जो शायद उन्हें एक इंजीनियर बनकर नहीं मिलता।