सर्दियों में डायबिटिज पीड़ितों को पैरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इन रोगियों के पैरों की उंगलियां जल्दी सूजती हैं और हीटर, ब्लोअर या कन्वेक्टर के इस्तेमाल से इनके पैरों पर फफोले पड़ जाते हैं। जब फफोले फूटते हैं तो घाव बन जाते हैं जिन्हें भरने में काफी समय लग जाता है। ऐसे रोगियों को इनसे दूर रहना ही बेहतर होता है। डायबिटिज के मरीजों को इन सुझावों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पांव ठंड में सुरक्षित रह सकें। पैरों को गुनगुने पानी से अच्छी तरह धोने के बाद उन्हें सुखायें ताकि उनमें नमी न रहे। पैरों के साथ-साथ उंगलियों के बीच के भाग को भी तौलिए से सुखाएं।
सर्दी अधिक लगने पर पैरों को हीटर, ब्लोअर के पास गर्मी लाने के लिए न रखें नहीं तो उगलियां सूज जाएंगी और पैरों में फफोले पड़ सकते हैं।
प्रतिदिन साफ धुली हुई जुराबें पहनें। एड़ी को ढकने वाली चप्पल, सैंडिल पहनें। पैरों के नाखूनों को बढ़ने न दें। इन्हें समय-समय पर काटते रहें।
सर्दियों में जूते पहनें, दो जोड़ी जूते रखें ताकि एक दिन जो जूता पहनें, उन्हें अगले दिन धूप लगवायें। इसी क्रम से जूतों को पहनें ताकि जूतों की नमी कम हो जाए।
जूते खरीदते समय शाम को ही जूते खरीदें क्योंकि पैरों में शाम तक सूजन हो जाती है जो प्रातः नहीं होती। यदि जूते सुबह खरीदेंगे तो शाम को जूते टाइट लगेंगे। पैर धोकर सुखाने के बाद उस पर पाउडर छिड़कें। पैर खुश्क होने पर एलोवेरा की क्रीम का इस्तेमाल करें।